Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kerala: रिलीज से पहले 'जानकी' फिल्म देखेंगे केरल हाईकोर्ट के जज, तब लेंगे नाम बदलने का फैसला

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 11:45 PM (IST)

    केरल हाईकोर्ट ने एक दिलचस्प कदम उठाते हुए शनिवार (पांच जुलाई) को केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी अभिनीत फिल्म जानकी बनाम केरल राज्य (जेएसके) देखने का फैसला किया है। उसके बाद ही कोर्ट यह तय करेगा कि सेंसर बोर्ड के आग्रह के अनुसार इसका नाम बदला जाना चाहिए या नहीं। सीबीएफसी ने फिल्म में जानकी नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी।

    Hero Image
    रिलीज से पहले 'जानकी' फिल्म देखेंगे केरल हाईकोर्ट के जज (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, कोच्चि। केरल हाईकोर्ट ने एक दिलचस्प कदम उठाते हुए शनिवार (पांच जुलाई) को केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी अभिनीत फिल्म 'जानकी बनाम केरल राज्य' (जेएसके) देखने का फैसला किया है। उसके बाद ही कोर्ट यह तय करेगा कि सेंसर बोर्ड के आग्रह के अनुसार इसका नाम बदला जाना चाहिए या नहीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नाम बदलने के निर्णय से पूर्व जानकी फिल्म देखेंगे केरल हाईकोर्ट के जज

    यह आदेश फिल्म निर्माताओं की उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की पुनरीक्षण समिति की मांग को चुनौती दी है कि फिल्म से ''जानकी'' नाम को हटाया जाए या बदला जाए, जिसका इस्तेमाल पूरी कहानी में किया गया है।

    जस्टिस एन. नागरेश ने अपने आदेश में कहा, ''आदेश पारित करने से पहले फिल्म देखना उचित है।'' सीबीएफसी ने फिल्म में 'जानकी' नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी।

    फिल्म को 27 जून को रिलीज किया जाना था

    फिल्म को 27 जून को रिलीज किया जाना था, लेकिन सीबीएफसी द्वारा फिल्म के नाम में 'जानकी' का विरोध करने के कारण इसे रोक दिया गया है क्योंकि सेंसर बोर्ड ने दलील दी है कि फिल्म का मौजूदा टाइटल सिनेमैटोग्राफ अधिनियम की धारा 5बी(2) के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है।

    बुधवार को यह मामला जस्टिस एन. नागरेश के समक्ष पिछले 10 दिनों में तीसरी बार आया। इससे पहले फिल्म निर्माण कंपनी कासमास एंटरटेनमेंट ने पिछले महीने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर आरोप लगाया था कि सीबीएफसी ने गोपी की फिल्म को सेंसर प्रमाणपत्र देने में अनुचित देरी की है।

    बोर्ड ने इस सप्ताह दूसरी बार अपना मामला पेश करने के लिए और समय मांगा

    इस पर बोर्ड ने इस सप्ताह दूसरी बार अपना मामला पेश करने के लिए और समय मांगा। इसके बाद जज ने पूछा कि क्या कोर्ट परिसर में फिल्म देखना संभव है? लेकिन, फिल्म निर्माण कंपनी ने कहा कि यह संभव नहीं है और इसे केवल स्टूडियो में ही देखा जा सकता है। इसलिए, जस्टिस नागरेश शनिवार को सुबह 10 बजे फिल्म देखेंगे और मामले की सुनवाई पांच जुलाई तक टाल दी गई है।

    दलील में कही गई है ये बात

    सोमवार को अपनी पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि फिल्म में जानकी नाम की मुख्य नायिका यौन उत्पीड़न की शिकार है और न्याय के लिए कोर्ट में गुहार लगा रही है। ''वह (नायिका) बलात्कारी नहीं है। आपको उस पात्र का नाम राम, कृष्ण, जानकी - भगवान के नाम पर नहीं रखना चाहिए। यहां, वह फिल्म की नायिका है जो न्याय के लिए लड़ रही है।''