Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kerala: निपाह वायरस को लेकर वर्किंग मोड में राज्य सरकार, स्रोत और क्षेत्र की पहचान करने पर दे रही जोर

    By AgencyEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Sat, 16 Sep 2023 04:39 PM (IST)

    केरल सरकार ने निपाह वायरस से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने संक्रमित व्यक्ति के मोबाइल टावर की लोकेशन के मुताबिक शनिवार को अपनी टीम उन सभी जगहों पर भेजी जहां से व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना है। इसके अलावा जांच किए गए 94 सैंपल नेगेटिव हैं। हालांकि कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 21 लोग और IMCH में दो बच्चे आइसोलेशन में हैं।

    Hero Image
    निपाह वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार ने उठाए कदम

    कोझिकोड, पीटीआई। केरल में निपाह वायरस का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है, जिसको लेकर राज्य सरकार अलर्ट पर है। इसी बीच एक राज्य सरकार ने एक और पहल करते हुए एक संक्रमित व्यक्ति के मोबाइल टावर की लोकेशन के मुताबिक शनिवार को अपनी टीम उन सभी जगहों पर भेजी जहां से व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संक्रमित क्षेत्र का पहचान कर रहा स्वास्थ्य विभाग

    केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह व्यक्ति कहां और कैसे संक्रमित हुआ, केंद्रीय टीम वायरल लोड का पता लगाने के लिए चमगादड़ का सैंपल इकट्ठा कर रही थी।

    छठे व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश

    स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी दावा किया कि वायरस के प्रकोप से निपटने के राज्य के प्रयासों की केंद्रीय टीम ने सराहना की है। मंत्री ने यहां मीडिया से कहा कि सरकार छठे व्यक्ति के संपर्क का पता लगाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसके शुक्रवार को इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

    उन्होंने यह भी कहा कि कोई नया पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है और राज्य के लिए राहत की बात यह है कि जांच किए गए 94 सैंपल नेगेटिव हैं। हालांकि, इस बीच, कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 21 लोग और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान (IMCH) में दो बच्चे आइसोलेशन में हैं।

    यह भी पढ़ें: 'कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को मिलनी चाहिए सहायता' कोविड-19 योजनाओं को लेकर SC का केंद्र को अहम सुझाव

    संक्रमितों का इलाज जारी

    मंत्री ने कहा कि संक्रमित सभी लोग संक्रमण की पहली लहर का हिस्सा हैं। अभी भी उनका इलाज चल रहा है। जिस व्यक्ति की पहचान इंडेक्स केस के रूप में की गई है, उसकी 30 अगस्त को मृत्यु हो गई और बहुत बाद में पता चला कि वह निपाह से संक्रमित था। उनके नौ वर्षीय बेटे और बहनोई का अभी भी दो अन्य लोगों के साथ इलाज चल रहा है, उनमें से एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है, जिसके साथ वह एक अस्पताल में संपर्क में आए थे।

    एंटीबॉडी के नए संस्करण लाने की तैयारी

    वायरस के खिलाफ एकमात्र व्यवहार्य चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र के अनुसार यह 50-60 प्रतिशत स्थिर है और उसने राज्य सरकार से एंटीबॉडी का एक नया संस्करण प्राप्त करने की संभावना तलाशने को कहा है।

    उन्होंने कहा, "वर्तमान में, डॉक्टरों के अनुसार, उपचाराधीन रोगियों को इसकी आवश्यकता नहीं है।" हालांकि, राज्य ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आयात करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केंद्र के समर्थन का अनुरोध किया और इसका आश्वासन दिया गया।

    ऑनलाइन चलेंगी बच्चों की कक्षा

    प्रेस वार्ता में जॉर्ज के साथ मौजूद राज्य के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने कहा कि नियंत्रण कक्ष, कॉल सेंटर और स्वयंसेवक जनता में विश्वास पैदा करने और वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। इस बीच, कोझिकोड शहर की मेयर बीना फिलिप ने कहा कि उन सभी वार्डों को, जहां इंडेक्स केस वाला व्यक्ति गया था, उसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। कोझिकोड जिला कलेक्टर ए गीता ने कहा कि आने वाले सप्ताह के लिए शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की गई है।

    ऑस्ट्रेलिया से खरीदे जाएंगे खुराक

    कलेक्टर ने यह भी कहा कि बेपोर बंदरगाह अगले आदेश तक बंद रहेगा, क्योंकि यह एक कंटेनमेंट जोन में आता है और मछली पकड़ने वाले जहाजों को उतारने और मछली की बिक्री के लिए दो वैकल्पिक स्थान प्रदान किए गए हैं। केंद्र ने शुक्रवार को निपाह से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदने का फैसला किया है।

    यह भी पढ़ें: Nipah Virus: Corona के बाद अब निपाह से खौफजदा लोग, पढ़ें क्यों खतरनाक है ये वायरस और क्या हैं इसके लक्षण

    पूरा राज्य संक्रमण से ग्रसित

    केरल स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कहा था कि उसने सकारात्मक रोगियों की संपर्क सूची में कुल 1,080 लोगों की पहचान की है और उनके सैंपल एकत्र करना शुरू कर दिया है। यह चौथी बार है जब राज्य में वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह 2018 और 2021 में कोझिकोड में और 2019 में एर्नाकुलम में पाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ कोझिकोड ही नहीं, बल्कि पूरा राज्य इस तरह के संक्रमण से ग्रसित है।