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    Kerala: वायनाड में पशु चिकित्सा छात्र की मौत की जांच अब करेगी CBI, पीड़ित के पिता ने की थी CM विजयन से मुलाकात

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash
    Updated: Sat, 09 Mar 2024 01:40 PM (IST)

    केरल सरकार ने (CBI Sidharthan J murder) वायनाड में पशु चिकित्सा छात्र की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। 18 फरवरी को सिद्धार्थन का शव कॉलेज छात्रावास के बाथरूम के अंदर लटका हुआ मिला था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बताया गया था कि सिद्धार्थन के शरीर पर कई चोटों के निशान थे और वह खुद को फांसी लगाने के लिए खड़ा भी नहीं हो सकता था।

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    वायनाड में पशु चिकित्सा छात्र की मौत की जांच अब करेगी CBI (Image: Jagran)

    पीटीआई, तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने वायनाड में पशु चिकित्सा छात्र की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। मृतक 20 वर्षीय सिद्धार्थन जेएस के पिता और रिश्तेदार ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात कर मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की मांग की थी।

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    मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि पुलिस जांच जारी है और सभी आरोपियों को दोषरहित और निष्पक्ष जांच के माध्यम से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है।

    पीड़ित की मां ने दायर की याचिका

    बता दें कि पीड़िता की मां ने भी सीबीआई जांच की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है। हालांकि, विजयन ने परिवार को सूचित किया कि उन्होंने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। दरअसल, विजयन ने पीड़ित मां को आश्वासन दिया था कि जरूरत पड़ने पर मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।

    18 फरवरी को बाथरूम में मिली थी लाश

    बता दें कि 18 फरवरी को सिद्धार्थन का शव कॉलेज छात्रावास के बाथरूम के अंदर लटका हुआ मिला था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बताया गया था कि सिद्धार्थन के शरीर पर कई चोटों के निशान थे और वह खुद को फांसी लगाने के लिए खड़ा भी नहीं हो सकता था। पीड़ित के पिता ने इसे हत्या करार दिया है। इसके अलावा वायनाड जिले के पुकोडे में पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान कॉलेज के डीन और छात्रावास के सहायक वार्डन का निलंबन करने की मांग की है।

    हत्या या आत्महत्या, पोस्टमार्टम में हुए खुलासे

    पुलिस ने मामले के एक आरोपी के संबंध में अपनी रिमांड रिपोर्ट में हाल ही में एक अदालत को बताया था कि पीड़ित के साथ बुरी तरह मारपीट की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिद्धार्थन पर हमला करने के लिए बेल्ट और केबल तार का इस्तेमाल किया गया था।

    हमला 16 फरवरी को रात करीब 9 बजे शुरू हुआ और 17 फरवरी को सुबह 2 बजे तक चला। पुलिस ने मामले में 18 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (खतरनाक हथियार से जानबूझकर चोट पहुंचाना), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।

    एसएफआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर आरोप

    माता-पिता ने दावा किया है कि कुछ स्थानीय एसएफआई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उसे पीट-पीटकर मार डाला। पिता ने दलील दी कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनके बेटे के शरीर पर चोटें थीं और पेट खाली था, जिससे पता चलता है कि उसे बेरहमी से पीटा गया।

    सिद्धार्थन की मौत के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष और उसकी विभिन्न शाखाओं ने एसएफआई और सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष और भाजपा ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) की छात्र शाखा एसएफआई ने सिद्धार्थन की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हालांकि,स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने आरोपों से इनकार किया है।

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