केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि हैं भगवान राम, विश्वव्यापी है रामकथा की लोकप्रियता
आइआइएमसी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में दुनिया ने विविधता को स्वीकार करना शुरू किया है जबकि भारत ने ये काम 5000 वर्ष पहले ही शुरू कर दिया था ।

नई दिल्ली, जेएनएन। भगवान राम को भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि बताते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि राम के व्यक्तित्व की विशेषता यह है कि वह प्रत्येक युग के महानायक हैं। प्रभु राम द्वारा समावेशी समाज की रचना, सामाजिक समरसता और एकता का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि रामकथा की लोकप्रियता भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वव्यापी है। केरल के राज्यपाल रविवार को अयोध्या शोध संस्थान, भारतीय जन संचार संस्थान एवं भोजपुरी संगम के संयुक्त तत्वावधान में 'प्रवासी देशों में राम' विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों में दुनिया ने विविधता को स्वीकार करना शुरू किया है, जबकि भारत ने ये काम 5000 वर्ष पहले ही शुरू कर दिया था। भारत की संस्कृति अपनी बुनियादी जड़ों से जुड़ी हुई है। भारत का पूरा दर्शन ही राम है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इंसान को नहीं देखती, बल्कि मानवता के अंदर दिव्यता के आधार पर उसे स्थान देती है।
इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, प्रसिद्ध लाइफ कोच एवं उत्कर्ष अकादमी, कानपुर के निदेशक डॉ. प्रदीप दीक्षित, भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन, मॉरीशस गणराज्य की चेयरमैन डॉ. सरिता बुद्धू, अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी एवं भोजपुरी संगम के संपादक अजीत सिंह उपस्थित थे।
राम का जीवन है धर्म की असली पहचान: संजय द्विवेदी
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आइआइएमसी के डायरेक्टर प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि श्रीराम धर्म के साक्षात् स्वरूप हैं। अगर आपको धर्म के किसी अंग को देखना है, तो राम का जीवन देखिये। आपको धर्म की असली पहचान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राम उत्तर में जन्मे और दक्षिण में उन्होंने धर्म की पताका फहराई। राम पूरे देश में समाए हुए हैं, क्योंकि राम लोगों को जोड़ते हैं।
भारतीयता के ब्रांड एंबेसडर हैं राम: प्रदीप दीक्षित
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए प्रसिद्ध लाइफ कोच डाक्टर प्रदीप दीक्षित ने कहा कि प्रवासी देशों में भारतवंशियों को संबल देने का काम राम ने किया है। आज विश्व के 60 देशों में रामकथा एवं 24 देशों में रामलीला का आयोजन किया जाता है। राम विश्व में भारतीयता के ब्रांड एंबेसडर हैं।
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