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केरल को मिली अपनी पहली ट्रांसजेंडर वकील, पद्मा लक्ष्मी ने कायम की मिसाल

केरल को पहली ट्रांसजेंडर महिला वकील मिलने पर राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर बधाई दी। उन्होंने पद्मा लक्ष्मी की एक फोटोग्राफर साझा करते हुए कैप्शन में लिखा पद्मा लक्ष्मी ने एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से स्नातक किया है।

By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Mon, 20 Mar 2023 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 05:48 PM (IST)
केरल को मिली अपनी पहली ट्रांसजेंडर वकील, पद्मा लक्ष्मी ने कायम की मिसाल
केरल की एक ट्रांसजेंडर महिला पद्मा लक्ष्मी ने एक नई मिशाल कायम किया।

नई दिल्ली, जेएनएन। प्रतिभा उम्र या जेंडर की मोहताज नहीं होती है। पढ़ा-लिखा काबिल व्यक्ति समाज में सदैव वर्चस्व अर्जित करता है। प्रतिभावान इंसान पर किसी भी हालात का कोई भी असर नहीं पड़ता। उसे सिर्फ अवसर अंर्तगत सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। ऐसे ही एक सफल और प्रतिभा के धनी व्यक्ति ने आज हर किसी को चुप करा दिया है, जो लोगों का किसी पैमाने पर आकलन करते हैं।

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ट्रांसजेंडर लॉ ग्रेजुएट पद्मा लक्ष्मी

केरल की एक ट्रांसजेंडर महिला पद्मा लक्ष्मी ने एक नई मिशाल कायम किया। जब उन्होंने राज्य की बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में नामांकन कराया। इसी के साथ केरल को अपना पहला ट्रांसजेंडर वकील मिल गया। बता दें कि पद्मा लक्ष्मी उन 1,500 लॉ ग्रेजुएट्स में से एक थीं, जिन्हें 19 मार्च को बार काउंसिल ऑफ केरला द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बार एनरोलमेंट सर्टिफिकेट दिया गया था।

राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने दी बधाई

केरल को पहली ट्रांसजेंडर महिला वकील मिलने पर राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर बधाई दी। उन्होंने पद्मा लक्ष्मी की एक फोटोग्राफर साझा करते हुए कैप्शन में लिखा पद्मा लक्ष्मी ने एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से स्नातक किया है। उन्होंने पोस्ट में एक युवा वकील के तौर पर खुद के लिए एक रास्ता बनाने के प्रयासों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने आगे कहा कि पद्मा लक्ष्मी ने ऐसे समाज से खुद को इस जगह पहुंचाया यह बेहद उत्साहजनक है।

मंत्री पी राजीव ने पोस्ट में कहा, 'पद्म लक्ष्मी ने जीवन की सभी बाधाओं को पार किया और केरल में पहले ट्रांसजेंडर अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया। प्रथम बनना हमेशा इतिहास की सबसे कठिन उपलब्धि है। लक्ष्य के रास्ते में कोई पूर्ववर्ती नहीं हैं। बाधाएं अपरिहार्य होंगी। रास्ते में लोग मूक और हतोत्साहित होंगे। पद्मा लक्ष्मी ने इन सब पर काबू पाकर कानूनी इतिहास में अपना नाम लिखा है।'


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