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    केरल में बढ़ी SIR फॉर्म भरने की तारीख, EC ने बताया- छूटे हुए मतदाता कैसे अपना नाम करा सकते हैं दर्ज

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 11:30 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का पहला चरण अंतिम है। चुनाव आयोग ने दलों से छूटे मतदाताओं के फॉर्म भरवाने को कहा ...और पढ़ें

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    केरल में बढ़ी SIR फॉर्म अपलोड करने की तारीख (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण ( SIR) के पहले चरण का काम अब अपने अंतिम चरण है।

    केरल को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में 11 दिसंबर को इसके पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा। जिसमें प्रत्येक मतदाता के लिए गणना फार्म भरना जरूरी है। ऐसे में चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सचेत करते हुए कहा है कि यदि किसी मतदाता का नाम एसआइआर में छूट रहा है तो तुरंत समय रहते उसका गणना फार्म भरवाए, ताकि मसौदा मतदाता सूची में उसका नाम शामिल हो सके।

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    केरल में 18 दिसंबर तक बढ़ी तारीख

    केरल में स्थानीय निकाय के चुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग ने वहां गणना फॉर्म को भरने और जमा करने की अंतिम तारीख 18 दिसंबर तक बढ़ा दी है। आयोग ने यह कदम तब उठाया है, जब एसआईआर के बढ़ाए गए समय में वह राजनीतिक दलों के साथ मिलकर नहीं मिल रहे मतदाताओं को खोजने के लिए विशेष अभियान चलाए हुए है।

    आयोग के मुताबिक इन सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में अब तक करीब तीन लाख मतदाता नहीं मिल रहे है, जबकि 50.94 करोड़ मतदाताओं के पास ही गणना फार्म पहुंच गए है। इनमें से 50.06 करोड़ मतदाताओं के गणना फार्म अपलोड भी हो गए है। उत्तर प्रदेश व केरल को छोड़ दें तो बाकी राज्यों में 99 या उससे अधिक गणना फार्म अपलोड़ हो चुके है।

    कहां कितने फॉर्म अपलोड हुए?

    केरल में अब तक 96.89 और उत्तर प्रदेश में 95.72 प्रतिशत गणना फार्म अपलोड हुए है। इन राज्यों में एसआइआर की घोषणा के समय यानी 27 अक्टूबर 2025 तक कुल 50.97 करोड़ मतदाता थे। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से यह अपील तब की है, जब इस राज्यों में एसआइआर की घोषणा के बाद तीन लाख से अधिक राजनीतिक दलों से जुड़े बूथ लेवल एजेंट(बीएलए) बनाए गए है।

    एसआइआर की घोषणा के समय में इन राज्यों में बीएलए की संख्या 7.64 लाख थी जबकि अब यह संख्या बढ़कर 12.43 लाख हो गई है। आयोग के मुताबिक एसआइआर के दौरान पहली बार राजनीतिक दलों से जुड़े बीएलए की भूमिका को बढ़ाकर उन्हें पचास गणना फार्म प्रतिदिन भरकर जमा कराने की छूट दी है। मतदाता सूची में शुद्धतम बनाने में इसका सहयोग मिलना चाहिए।

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