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    बिशप जोसेफ बोले, भारत को तबाह कर देगी छद्म धर्मनिरपेक्षता, आखिर किस समुदाय को मिल रहा इसका लाभ

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Sat, 02 Oct 2021 05:58 PM (IST)

    पिछले महीने की गई अपनी टिप्पणी के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बिशप ने परोक्ष रूप से अपनी बात को यह कहते हुए उचित ठहराया कि जो लोग गलतियों के ख ...और पढ़ें

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    लव एंड नार्कोटिक्स जिहाद की बात उठाने वाले केरल के ईसाई धर्मगुरु ने समाज को नए मुद्दे पर झकझोरा

    तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। केरल में फल फूल रहे लव जिहाद और नार्कोटिक्स जिहाद का मुद्दा उठाकर देश भर में चर्चा में में आए साइरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के पाला डायोसिस के बिशप जोसेफ कल्लारंगट ने शनिवार को कहा कि छद्म धर्मनिरपेक्षता भारत को तबाह कर देगी। उन्होंने कहा वास्तिवक धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की रक्षा करने की तो आवश्यकता है लेकिन छद्म धर्मनिरपेक्षता बर्बादी की जड़ है।

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    गांधी जयंती के अवसर पर चर्च के अंग दीपिका दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित एक लेख में, बिशप ने 'नार्कोटिक्स और लव जिहाद' टिप्पणी का उल्लेख किए बिना, उन लोगों पर तगड़ा हमला किया है जो इस बात पर जोर देते हैं कि किसी को उन बुराइयों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए जो उनके अपने समुदाय पर गंभीर खतरा बनकर मंडरा रही हैं।

    पिछले महीने की गई अपनी टिप्पणी के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, बिशप ने परोक्ष रूप से अपनी बात को यह कहते हुए उचित ठहराया कि जो लोग गलतियों के खिलाफ नहीं बोलते हैं वे चुपचाप उन्हें फलने-फूलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

    बिशप जोसेफ का मत था कि समाज की बुराइयों के खिलाफ जारी की गई चेतावनियों को नजरअंदाज करने के बजाय, उनको आगे की घटनाओं को रोकने के लिए उन पर चर्चा और गंभीरता से विचार करना चाहिए।

    वर्तमान केरल समाज में धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करते हुए, बिशप ने कहा कि आज की चिंता यह है कि क्या हम धर्मनिरपेक्षता का मार्ग चुनकर सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकृत केरल की ओर बढ़ रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि विभिन्न तबकों से सवाल उठे रहे हैं कि आखिर इस धर्मनिरपेक्षता का वास्तविक लाभ किसे मिल रहा है।

    बिशप ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारत की मूल प्रकृति है लेकिन छद्म धर्मनिरपेक्षता देश को नष्ट कर देगी। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है। धार्मिक समुदाय और धर्मनिरपेक्ष समुदाय को एक साथ रहना सीखना चाहिए। भारतीय धर्मनिरपेक्षता का सार यह है कि सभी धर्मो का सम्मान किया जाना चाहिए।

    बिशप ने लिखा कि हमें यह समझना चाहिए कि पश्चिम में रूढ़िवादी नस्लवादी आंदोलनों के विकास को देखकर धर्मनिरपेक्षता चरमपंथ को कैसे जन्म देती है। अगर हम भारतीय धर्मनिरपेक्षता को उसके शाब्दिक अर्थो में स्वीकार करने में विफल रहते हैं तो भारत की स्थिति अलग नहीं होगी।

    राष्ट्रपिता के जीवन और संदेश को श्रद्धांजलि देते हुए, बिशप जोसेफ ने कहा कि महात्मा गांधी की शिक्षाएं देश के अस्तित्व और इसकी सार्थक धर्मनिरपेक्षता के लिए आवश्यक थीं।

    बिशप की लव एंड नारकोटिक जिहाद टिप्पणी ने राज्य में एक राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा था कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर हैं उन्हें समाज में विभाजन पैदा करने वाले बयान देने से बचना चाहिए। कांग्रेस ने कहा था कि बिशप ने हदें पार कर दी हैं जबकि भाजपा ने उनका समर्थन करते हुए समाज से उनके बयान पर चर्चा करने का आग्रह करके किया था।