अरविंद केजरीवाल का इंडिगो संकट को लेकर केंद्र पर निशना, भाजपा सरकार और एयरलाइन के बीच मिलीभगत के लगाए आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंडिगो एयरलाइन में उड़ान रद्द होने और देरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे 'सुशासन की वि ...और पढ़ें

इंडिगो संकट पर केजरीवाल का बड़ा हमला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने और देरी के कारण मचे हाहाकार को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तीखा राजनीतिक हमला बोला है। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को 'सुशासन की विफलता' करार देते हुए केंद्र सरकार पर एयरलाइन के साथ मिलीभगत करने का गंभीर आरोप लगाया है।
यात्री सेवाएं पूरी तरह से चरमरा जाने के बाद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की। उन्होंने लिखा, "इंडिगो एयरलाइन की यह विफलता दिखाती है कि मोदी सरकार या तो अक्षम है या फिर एयरलाइन से मिलीभगत में है। दोनों ही सूरत में, भारत बेहतर का हकदार है।" उन्होंने आगे जोर देकर कहा, "लोगों ने बुनियादी यात्रा के लिए इतनी परेशानी पहले कभी नहीं झेली है।"
Indigo airline fiasco shows that Modi govt is either incompetent or in collusion. In either case, India deserves better. People have never suffered so much.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 6, 2025
संकट की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि बीते कई दिनों से इंडिगो एयरलाइन के परिचालन में भारी व्यवधान आया है, जिसके कारण देश के प्रमुख हवाई अड्डों, जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता, पर यात्रियों को भीषण समस्याओं का सामना करना पड़ा। पायलटों की कमी और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में एयरलाइन की कथित विफलताओं के चलते 1000 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं या उनमें घंटों की देरी हुई। हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे रहे, जहां उन्हें उचित जानकारी, भोजन या पानी तक नहीं मिल पाया। इस संकट ने अन्य एयरलाइनों के टिकट के दामों को भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया था।
विपक्ष ने घेरा
केजरीवाल का यह आरोप ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल लगातार सरकार को नागरिक उड्डयन क्षेत्र में कथित तौर पर एकाधिकार (Monopoly) को बढ़ावा देने के लिए घेर रहे हैं। विपक्ष का तर्क है कि एक एयरलाइन की विफलता ने पूरे देश की हवाई यात्रा प्रणाली को ठप्प कर दिया, जो सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है।
हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्थिति को सामान्य करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया है। मंत्रालय ने टिकट किराए पर अधिकतम सीमा (कैप) लगाने और इंडिगो को यात्रियों का रिफंड जल्द से जल्द जारी करने का निर्देश दिया है। सरकार ने संकट के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया है।
बावजूद इसके, दिल्ली के मुख्यमंत्री का सीधा और गंभीर आरोप दर्शाता है कि यह विमानन संकट अब सिर्फ एक ऑपरेशनल मुद्दा न रहकर राष्ट्रीय सुशासन और राजनीतिक जवाबदेही का बड़ा मुद्दा बन चुका है।

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