KBC के प्रतियोगी इशित भट्ट को घमंडी कहना सही नहीं? विशेषज्ञों ने किया आगाह
कौन बनेगा करोड़पति के प्रतिभागी इशित भट्ट को आत्मविश्वास के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा। दर्शकों ने उन्हें 'अहंकारी' और 'असभ्य' कहा। विशेषज्ञों का मानना है कि 10 साल के बच्चे को ट्रोल करना उचित नहीं है। बच्चे के व्यवहार का एकतरफा आकलन करना गलत है, क्योंकि परवरिश और सांस्कृतिक मूल्यों का भी प्रभाव होता है।

KBC के प्रतियोगी इशित भट्ट को घमंडी कहना सही नहीं (फोटो- सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कौन बनेगा करोड़पति के प्रतिभागी गुजरात के इशित भट्ट को "अहंकारी" और "असभ्य" करार दिया गया, क्योंकि इशित भट्ट ने आत्मविश्वासपूर्ण व्यवहार और मेजबान अमिताभ बच्चन के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया ने देश भर के दर्शकों को विभाजित कर दिया था। उसको लेकर नफरत भरी बातें कही जा रही हैं। लेकिन इशित की बदनामी उसके उम्र के हिसाब से बिल्कुल न्याय नहीं करती है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, केबीसी की ‘हॉट सीट’ पर गुजरात के 10 साल के लड़के इशित भट्ट का आत्मविश्वास से भरपूर होने के चलते आलोचना का शिकार होना पड़ा। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि इशित ने एपिसोड के दौरान, अमिताभ बच्चन से नियमों को न दोहराने के लिए कहा, पूरा सवाल सुनने से पहले ही जवाब दे दिया और बीच वाक्य में ही टोक दिया।
इशित भट्ट के इस हरकत को कई लोगों ने इसे अपमानजनक माना, जबकि कुछ ने इसे दबाव में एक होशियार बच्चे का बेपरवाह उत्साह माना। इसके बाद देश भर में बहस छिड़ गई। क्या यह खराब पालन-पोषण था? एक होशियार बच्चे का स्वाभाविक ढीठपन? क्या इसे नजरअंदाज कर देना चाहिए, क्योंकि वह सिर्फ दस साल का है, या इस पर ध्यान देना चाहिए?
इशित ने लिखा माफीनामा
इशित भट्ट द्वारा कथित तौर पर लिखा गया एक माफीनामा, जिसे @ishit_bhatt_official नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो के साथ शेयर किया गया था, काफी चर्चा में रहा, लेकिन बाद में यह संदेश देते हुए इसे हटा दिया गया कि यह अकाउंट अब मौजूद नहीं है। हालांकि, इसके बाद सोशल मीडिया पर लड़के की तस्वीर वाले कई फर्जी अकाउंट भी सामने आए।
क्या कहना है विशेषज्ञों का?
इशित को लेकर विशेषज्ञों का कहना कि वास्तविकता कहीं अधिक जटिल है, जो बदलती पालन-पोषण शैली, बदलती स्कूली संस्कृति और आजकल बच्चों के व्यवहार और अभिव्यक्ति के तरीके से प्रभावित हो रही है। लेकिन 10 साल के बच्चों को जिस तरह से ट्रोलिंग और सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा किया जा रहा है, उसका गहरा असर पड़ सकता है।
एकतरफा तरीके से आकलन
पारिवारिक चिकित्सक मैत्री चंद ने पीटीआई को बताया कि दो मिनट में ही यह निर्णय हो गया कि वह असभ्य है। लेकिन ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी। लोग बच्चे के स्वर, हाव-भाव और प्रतिक्रियाओं का "एकतरफा तरीके से" आकलन कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, "अशिष्टता और अहंकार का एक सांस्कृतिक आधार होता है - वे सांस्कृतिक रूप से आदर्श होते हैं। और मेरा मतलब सिर्फ देश-वार संस्कृति से नहीं है। यह पारिवारिक संस्कृति, सामुदायिक संस्कृति या यहां तक कि स्कूल की संस्कृति भी हो सकती है।"
घमंडी कहना सही नहीं
उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यापक प्रश्न के लिए कई विकल्प सामने आ सकते हैं। लेकिन पांचवीं कक्षा के बच्चे में अमूर्तन की तंत्रिका-संबंधी क्षमता नहीं होती, जो आमतौर पर सातवीं कक्षा तक विकसित हो जाती है। इसलिए आप बच्चे को सिर्फ घमंडी नहीं कह सकते। यह अन्याय होगा। अन्य कारकों पर भी विचार करने की आवश्यकता है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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