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    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाएगी कस्तूरीरंगन समिति

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 21 Sep 2021 10:36 PM (IST)

    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के विकास के लिए शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसरो के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अगुआई में एक 12 सदस्यीय राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया है।

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    इसरो के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन

     नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के विकास के लिए शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसरो के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अगुआई में एक 12 सदस्यीय राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया है। यह समिति स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम की नई रूपरेखा पर काम करेगी। इसका कार्यकाल तीन साल का होगा।

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    स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम की नई रूपरेखा पर करेगी काम

    बताते चलें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी कस्तूरीरंगन की अगुआई में ही तैयार किया गया था। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के विकास के लिए गठित राष्ट्रीय संचालन समिति में जिन अन्य लोगों को रखा गया है, उनमें नीपा (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन) के कुलपति महेश चंद्र पंत, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद शर्मा, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर, सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी आंध्र प्रदेश के कुलपति टीवी कट्टीमनी, फ्रेंच मूल के भारतीय लेखक और आइआइटी गांधीनगर के गेस्ट प्रोफेसर मिसेल डानिनो, आइआइएम जम्मू के चेयरमैन और भारतीय उद्यमी मिलिंद कांबले, केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब के चांसलर जगवीर सिंह, भारतीय मूल के अमेरिकी गणितज्ञ मंजुल भार्गव, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता एमके श्रीधर, शिक्षा मंत्रालय से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक और आइएएस अधिकारी धीर झिंगरन, एकस्टेप फाउंडेशन के सीईओ शंकर मरुवाडा शामिल हैं। समिति प्री-प्राइमरी से लेकर स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा व शिक्षक शिक्षा आदि के पाठ्यक्रम को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।