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वाराणसी को काशी-तमिल संगमम् ट्रेन की सौगात, रेल मंत्री ने बनारस पहुंचे तमिलनाडु से आए दल को किया संबोधित

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाराणसी से तमिलनाडु के बीच काशी-तमिल संगमम् नाम से ट्रेन चलाने की घोषणा की। रेल मंत्री ने कहा काशी ओर तमिलनाडु में बड़ी समानताएं हैं। यहां आकर तमिलनाडु के लोग जो अनुभव लेकर जा रहे हैं उससे नेक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Sat, 10 Dec 2022 02:09 AM (IST)Updated: Sat, 10 Dec 2022 02:09 AM (IST)
वाराणसी को काशी-तमिल संगमम् ट्रेन की सौगात, रेल मंत्री ने बनारस पहुंचे तमिलनाडु से आए दल को किया संबोधित
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाराणसी से तमिलनाडु के बीच काशी-तमिल संगमम् नाम से ट्रेन चलाने की घोषणा की।

वाराणसी, जेएनएन। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाराणसी से तमिलनाडु के बीच काशी-तमिल संगमम् नाम से ट्रेन चलाने की घोषणा की है। शुक्रवार रात बनारस पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बरेका प्रेक्षागृह में तमिलनाडु से आए दल को संबोधित कर रहे थे। उनकी इस घोषणा के साथ हाल तालियों से गूंज उठा। रेल मंत्री ने कहा, काशी ओर तमिलनाडु में बड़ी समानताएं हैं। यहां आकर तमिलनाडु के लोग जो अनुभव लेकर जा रहे हैं, उससे नेक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा।

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तमिल में नमस्कार के साथ रेल मंत्री ने की भाषण की शुरुआत 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तमिल को दुनिया की सर्वाधिक प्राचीन भाषा बताने की भी चर्चा की। कहा, यहां आए तमिल लोग काशी विश्वनाथ की सेवा में लीन हैं। वहां के लिए प्रधानमंत्री ने तमाम योजनाएं दी हैं। तमिलनाडु के स्टेशन को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं और स्वरूप की भी चर्चा की। तमिल संगमम् के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री, यूपी सरकार, बीचएयू आदि का आभार जताया। रेल मंत्री ने तमिल में नमस्कार के साथ भाषण की शुरुआत की। संबोधन का जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने तमिल में अनुवाद किया। तमिलनाडु में जल्द पहुंचने के वादे के साथ वहां इडली-डोसे खाने की इच्छा भी जताई।

काशी के लोगों से मिले रेल मंत्री 

रेल मंत्री ने तमिलनाडु से आए लोगों संग संवाद किया। इसमें लोगों ने काशी में मिल रहे प्यार-दुलार के अनुभव साझा किए। लोगों के बीच जाकर उनका कुशल-क्षेम जाना। हाथ मिलाने के साथ सेल्फी ली। इसके बाद 25-25 की संख्या में सभी को मंच पर बुलाकर अभिनंदन किया। साथ फोटो खिंचवाए। बरेका महाप्रबंधक अंजली गोयल ने स्वागत किया।

बता दें कि काशी-तमिल संगमम' एक प्रकार से हिंदी पट्टी एवं तमिल भूमि, उत्तर भारत एवं द्रविड़ क्षेत्र, संस्कृत एवं तमिल जैसे अनेक द्वंद्वों को तिरोहित कर उन्हें एक में समाहित करने की दीर्घकालिक योजना है। इसके लिए काशी को एक प्रतीक के रूप में प्रस्तावित किया गया है।

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