करूर भगदड़ की जांच करेगी CBI, सुप्रीम कोर्ट ने SIT की जांच निलंबित की; कमेटी करेगी निगरानी
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के करूर भगदड़ मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली समिति जांच की निगरानी करेगी। कोर्ट ने सीबीआई को मासिक प्रगति रिपोर्ट समिति को सौंपने का आदेश दिया है। अभिनेता विजय की करूर रैली में भगदड़ से 41 लोगों की मौत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर प्रभाव को देखते हुए यह फैसला लिया है।

न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी और एनवी अंजारिया की पीठ ने दिए आदेश (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के करूर भगदड़ मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इतना ही नहीं सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति करेगी। कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि समिति को जांच की मासिक प्रगति रिपोर्ट सौंपेगी जिसे कमेटी सुप्रीम कोर्ट के विचारार्थ पेश कर सकती है।
सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई को जल्दी से जल्दी जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। तमिल अभिनेता विजय की करूर रैली में 27 सितंबर को भगदड़ हो गई थी जिसमें 41 लोगों की मौत हुई थी जबकि सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सोमवार को ये अंतरिम आदेश न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी और एनवी अंजारिया की पीठ ने कुल पांच याचिकाओं पर दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सामने 5 याचिकाएं लंबित
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पांच याचिकाएं लंबित हैं जिनमें मद्रास हाई कोर्ट की एकलपीठ के तीन अक्टूबर के जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश को चुनौती दी गई है। साथ ही अन्य याचिकाओं में इस पूरे भगदड़ मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए मद्रास हाई कोर्ट की ही एक अन्य पीठ द्वारा सीबीआई जांच की मांग ठुकराने के आदेश को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपते हुए कहा कि इस घटना का नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर प्रभाव पड़ता है और घटना से पूरे राष्ट्र की आत्मा हिल गई। कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष जांच नागरिकों का अधिकार है। शीर्ष अदालत ने करूर के एसपी और थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से मामले की एफआईआर और जरूरी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है।
सीबीआई को सौंपे जाएंगे दस्तावेज
इसके अलावा हाई कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी और मुख्यमंत्री द्वारा गठित जांच आयोग को भी सारे दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच सीबीआई को ट्रांसफर होने को देखते हुए एसआईटी जांच और एक सदस्यीय आयोग की जांच फिलहाल निलंबित रहेगी। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है कि वह जांच में सीबीआई को पूरा सहयोग देगी।
निगरानी समिति के अध्यक्ष न्यायाधीश अजय रस्तोगी दो आईपीएस अधिकारियों को चुनेंगे जो आईजी रैंक से नीचे के नहीं होंगे। आईपीएस अधिकारी तमिलनाडु कैडर के हो सकते हैं लेकिन तमिलनाडु के मूल निवासी नहीं होने चाहिए। आदेश में कहा गया है कि ये कमेटी सीबीआई जांच की निगरानी करेगी और जरूरत पड़ने पर निर्देश देगी कि किस क्षेत्र में जांच की जाए। समिति सीबीआई द्वारा एकत्रित साक्ष्यों की समय समय पर समीक्षा कर सकती है ताकि जांच तार्किक परिणति पर पहुंचे।
समिति करेगी जांच की निगरानी
समिति करूर भगदड़ से संबंधित अन्य मामलों की भी जांच कर सकती है। कमेटी के सुचारु जांच निगरानी करने और सीबीआई की जांच सुचारु चलने के लिए अगर जरूरत पड़ती है तो कोर्ट में अर्जी देने की छूट होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस रस्तोगी से अनुरोध किया है कि सीबीआई के जांच हाथ में लेने के तुरंत बाद वे कमेटी की पहली बैठक आयोजित करें। सीबीआई जांच की मासिक प्रगति रिपोर्ट कमेटी को देगी जिसे कमेटी जरूरत पड़ने पर कोर्ट के विचारार्थ पेश कर सकती है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि राजनैतिक दलों की रैलियों के लिए एसओपी और दिशानिर्देश तय करने की मांग वाली याचिका को आगे सुनवाई के लिए खंडपीठ के समक्ष लगाएं। कोर्ट ने कहा कि यह आदेश मामले में प्रथमदृष्टया नजरिये के आधार पर दिए जा रहे हैं पक्षकारों के जवाब आने के बाद आगे आदेश दिये जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने करूर भगदड़ मामले में मद्रास हाई कोर्ट की दो पीठों के परस्पर विरोधी आदेशों पर भी सवाल उठाया। हाई कोर्ट की मुख्य पीठ के एकल न्यायाधीश द्वारा मामले पर सुनवाई करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मामला मदुरै पीठ के समक्ष लंबित था तो फिर चीफ जस्टिस के आदेश के बगैर मुख्य पीठ के एकल जज द्वारा मामले की सुनवाई कैसे की जा सकती है।
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