Move to Jagran APP

नौकरी से हटाना यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का आधार नहीं बन सकता, कर्नाटक हाई कोर्ट का बयान

Karnataka newsकर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि नौकरी से निकाल देना यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता। इसी को देखेते हुए अदालत ने पोस्टर मास्टर के खिलाफ दर्ज शिकायत को खारिज कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashPublished: Thu, 08 Dec 2022 09:12 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 09:12 AM (IST)
नौकरी से हटाना यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का आधार नहीं बन सकता, कर्नाटक हाई कोर्ट का बयान

बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि नौकरी से निकाल देना यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता। इसी के साथ हाई कोर्ट ने पोस्ट मास्टर के खिलाफ दर्ज शिकायत को खारिज करते हुए इस संबंध में मामले की जांच के आदेश दिए।

loksabha election banner

न्यायमूर्ति के नटराजन की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाल ही में ये आदेश दिया। इसमें कहा गया कि डाकघर के प्रभारी अधिकारी ने कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया, यह यौन उत्पीड़न के आरोप में उन्हें अदालत में घसीटने का आधार नहीं हो सकता।

पोस्टमास्टर के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत

शिकायतकर्ता एक अस्थायी ग्रुप-डी महिला कर्मचारी ने 16 मई, 2018 को बेंगलुरु के बसवनगुडी पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। पोस्टमास्टर राधाकृष्ण और हनुमंतैया के खिलाफ ये शिकायत थी। पीडि़ता ने इसमें कहा कि उसकी मां डाकघर में एक संविदा कर्मचारी थी। जब वह बीमार पड़ी तो शिकायतकर्ता डाकघर गई। उसने दस साल तक राधाकृष्ण के अधीन काम किया और बाद में हनुमंतैया पोस्टमास्टर बन गए। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हनुमंतैया ने उसका अपमान किया और उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी।

देश की अर्थव्यवस्था को झुलसा सकती है बढ़ती गर्मी, जान के अलावा नौकरी भी छीन सकता है हीटवेव

शिकायतकर्ता ने किया था आत्महत्या का प्रयास

शिकायतकर्ता ने कहा कि इन सब से परेशान होकर उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया। बाद में हनुमंतैया ने उससे यौन संबंध बनाने को कहा, जिसे उसने ठुकरा दिया गया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उधर, राधाकृष्ण उसे अपनी कार में एक पार्क में ले गए और उसके यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया, जहां कुछ अजनबियों ने उसे बचाया। पुलिस ने दोनों आरोपित पोस्टमास्टरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

मामला 37वें एसीएमएम कोर्ट में जांच के चरण में है। आरोपितों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ चल रही कार्रवाई को रद करने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि पुलिस ने यह पता लगाने की कोशिश नहीं की कि वह पार्क मौजूद है या नहीं, क्या शिकायतकर्ता और आरोपित पार्क में गए थे? क्या कोई सीसीटीवी फुटेज है? कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने के लिए कोई सुबूत देने में विफल रहा है और इसलिए कार्यवाही को रद कर दिया गया है।

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी की ओर बढ़ रहा मंडौस चक्रवात, NDRF टीम तैयार, 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

देश में 50 शहरों तक पहुंचीं 5जी स्पेक्ट्रम सेवाएं, 84 हजार संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मिली मान्यता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.