Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Karnataka: 'RSS के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर लगे बैन', प्रियांक खरगे ने CM को लिखा खत

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 04:05 PM (IST)

    कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर आरएसएस के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना कर्नाटक सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन है, जो कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से रोकता है। खरगे ने उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले उन्होंने सरकारी परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर बैन लगाने की मांग की थी।

    Hero Image

    प्रियांक खरगे ने सीएम को लिखा पत्र। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे सरकारी परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग के बाद अब आरएसएस के कार्यक्रमों में भाग लेने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखा है। उन्होंने कर्नाटक सिविल सेवा के नियमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये नियम सरकारी कर्मचारियों को किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा बनने और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से रोकते हैं।

    प्रियांक खरगे ने सीएम को लिखा पत्र

    खरगे ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों ने आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेकर इन नियमों का उल्लंघन किया है। पत्र में खरगे ने लिखा कि स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हाल के दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि एक परिपत्र जारी किया जाए, जिसमें चेतावनी दी जाए कि नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    सिविल सेवा नियमों के उल्लंघन का आरोप

    इससे पहले, खरगे ने मुख्यमंत्री से सरकारी स्कूलों, कालेजों और मंदिरों में आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने की भी मांग की थी। उन्होंने संगठन पर युवाओं का ब्रेनवाश करने और संविधान के विरुद्ध विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। कर्नाटक के भाजपा विधायक महेश तें¨गकाई ने खरगे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें संघ का शताब्दी समारोह बर्दाश्त नहीं है, इसलिए उन्होंने ऐसी टिप्पणी की। संघ का कार्य गांव से लेकर वैश्विक स्तर पर फैल रहा है।

    (न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)