कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर गरमाया माहौल, कर्नाटक के लिए बस सेवा निलंबित; जानें इससे जुड़ी 10 ताजा अपडेट
Karnataka-Maharashtra border row महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद ने उग्र रूप ले लिया है। इसी को देखते हुए अब महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने कर्नाटक के लिए बस सेवा निलंबित कर दी है। बता दें कि ये फैसला पुलिस के सुरक्षा अलर्ट के बाद लिया गया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। Karnataka-Maharashtra border row: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बढ़ते सीमा विवाद को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने कर्नाटक के लिए बस सेवा निलंबित कर दी है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि यात्रियों और बसों की सुरक्षा के बारे में पुलिस से मंजूरी मिलने के बाद सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया जाएगा। ये फैसला पुलिस के सुरक्षा अलर्ट के बाद किया गया है कि प्रदर्शन के दौरान कर्नाटक में बसों पर हमला किया जा सकता है।
सीमा विवाद 6 दिसंबर को बढ़ा
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद ने 6 दिसंबर को उग्र रूप ले लिया, जिसको देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के लिए सभी बस सेवाएं निलंबित कर दी है। बता दें कि मंगलवार यानी 6 दिसंबर को पुणे से बेंगलुरु जा रही महाराष्ट्र की गाड़ियों को रोककर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान ट्रकों पर भी पथराव किया गया। घटना पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को फोन कर अपनी नाराजगी जताई थी।
प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाली कर्नाटक रक्षण वैदिक ने बुधवार यानी 7 दिसंबर से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर दी है। कन्नड़ समर्थक संगठन बेलगावी में महाराष्ट्र के मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई की प्रस्तावित यात्रा का विरोध कर रहे हैं, जिसे स्थगित कर दिया गया था।
10 बिंदुओं में जानिए महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बढ़ते सीमा विवाद को लेकर ताजा अपडेट
- 6 दिसंबर को सैकड़ों लोगों ने तख्तियों, बैनरों, पोस्टरों, कन्नड़ झंडे के साथ विरोध किया और सीमा विवाद के मुद्दे को उठाने के लिए महाराष्ट्र के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने महाराष्ट्र पंजीकरण वाले कुछ ट्रकों की नंबर प्लेट को भी काला कर दिया। इस दौरान जमकर हंगामा भी हुआ।
- विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। हिंसक होने से पहले स्थिति को रोकने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में ले लिया। कर्नाटक रक्षण वैदिक के अध्यक्ष टीए नारायण गौड़ा ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, 'अगर हमें बेलगावी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, तो और किसे होनी चाहिए? क्या ये महाराष्ट्र के लोग हैं? मैं कर्नाटक के लिए लड़ने वालों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की निंदा करता हूं।'
- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र नंबर प्लेट वाले वाहनों पर हमले के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बात की। बोम्मई ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- सीमा विवाद का असर महाराष्ट्र में दिखा, यहां से भी तोड़फोड़ की सूचना मिली। पुणे में एक निजी बस पार्किंग में खड़ी कर्नाटक नंबर प्लेट वाली बसों पर हमला किया गया। इस दौरान उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना गुट के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
- महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई को सीमा विवाद के समन्वय के लिए नियुक्त किया है। ये दोनों मंत्री कर्नाटक के बेलगावी जाकर महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सीमा विवाद पर बातचीत करने वाले थे। एमईएस बेलगावी और कुछ अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों के पश्चिमी राज्य के साथ विलय के लिए संघर्ष करने वाला संगठन है।
- इस पूरे मामले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पहले ही कहा था कि वो अपने महाराष्ट्र के समकक्ष एकनाथ शिंदे से उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों को बेलगावी नहीं भेजने के लिए कहेंगे, क्योंकि उनकी यात्रा से सीमावर्ती जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। फिलहाल, महाराष्ट्र के मंत्रियों का बेलगावी दौरा रद कर दिया गया है।
- बेंगलुरु में सीएम बोम्मई ने इस बात से भी इनकार किया था कि इस मुद्दे का राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों से कोई लेना देना है। उन्होंने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पर इस मुद्दे को उठाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि, 'आगामी विधानसभा चुनाव और सीमा मुद्दे पर कर्नाटक के रुख से कोई संबंध नहीं है। कई सालों से ये महाराष्ट्र की तरफ से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है।' उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र ने विवाद उठाया है और कर्नाटक से प्रतिक्रिया आ रही है।
- शरद पवार ने भी महाराष्ट्र की बसों पर हुए हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र ने धैर्यपूर्ण रुख अपनाया है। लेकिन, अगर अगले 24 घंटों में हमले नहीं रुके तो लोग दूसरा तरीका अपनाएंगे और इसके लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा, 'मैं राज्य के सांसदों से संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्री से बात करने का अनुरोध करूंगा।'
- बता दें कि, सीमा विवाद का ये मुद्दा 1957 का है जब राज्यों को भाषा के आधार पर पुनर्गठित किया गया था। महाराष्ट्र ने बेलगावी पर दावा किया, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि वहां मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा था। महाराष्ट्र ने 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं।
- कर्नाटक की तरफ से भी ये कहा जाता रहा है कि, बेलगावी राज्य का एक अभिन्न अंग है। महाराष्ट्र इस आधार पर बेलगावी के विलय की मांग कर रहा है कि जिले में मराठी भाषी आबादी काफी है, जिसका कर्नाटक विरोध करता रहा है।
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