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    Karnataka: भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर 'कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण' ने उठाया बड़ा कदम, जारी किया कुछ ऐसा ड्रेस कोड

    By Jagran NewsEdited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Tue, 14 Nov 2023 01:45 PM (IST)

    कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) ने विभिन्न बोर्डों और निगमों की भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की धांधली को रोकने और पेपर लीक से बचने के लिए एक नया ...और पढ़ें

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    कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण भर्ती परीक्षाओं में धांधली को रोकने के लिए एक नया पैटर्न अपनाने जा रहा है।

    एएनआई, बेंगलुरु। कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) ने विभिन्न बोर्डों और निगमों की भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की धांधली को रोकने और पेपर लीक से बचने के लिए एक नया पैटर्न अपनाने जा रहा है। केईए ने परीक्षा हॉल के अंदर किसी भी प्रकार से सिर ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने मोबाइल फोन और ब्लूटूथ इयरफोन जैसे किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

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    समाचार एजेंसी 'एएनआई' ने बताया कि प्राधिकरण ने परीक्षा हॉल के अंदर किसी भी प्रकार से सिर ढकने, मोबाइल फोन और ब्लूटूथ इयरफोन जैसे किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, केईए ने दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के बाद मंगलसूत्र और बिछिया पहनने की अनुमति दे दी है।

    6 नवंबर को महिला परीक्षार्थी से उतरवाया गया था मंगलसूत्र

    दरअसल, इससे पहले 6 नवंबर को कर्नाटक लोक सेवा आयोग की परीक्षा दे रही एक महिला को परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले अपना 'मंगलसूत्र' उतारने के लिए कहा गया था। जिसके बाद कुछ हिंदू संगठनों ने इसको लेकर काफी विरोध प्रदर्शन किया था। राज्य में हिंदुत्व समूहों के विरोध के बाद केईए ने अब महिलाओं को परीक्षा हॉल में मंगलसूत्र और पैर की अंगूठियां पहनने की अनुमति दे दी है, जबकि अन्य आभूषणों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

    प्रदेश भर में विभिन्न बोर्ड और निगमों की भर्ती परीक्षाएं 18 और 19 नवंबर को होनी हैं। इसलिए, केईए ने राज्य भर में भर्ती परीक्षाओं के लिए ड्रेस कोड की घोषणा की है और कहा है कि यह कदम ब्लूटूथ उपकरणों का उपयोग करके परीक्षा कदाचार को रोकने के प्रयास का हिस्सा है।

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    ड्रेस कोड में स्पष्ट रूप से हिजाब पर प्रतिबंध नहीं

    एएनआई के मुताबिक, प्राधिकरण ने जो नया पैटर्न लागू किया है। उसके अनुसार नया ड्रेस कोड स्पष्ट रूप से हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाता है, लेकिन यह नए दिशानिर्देशों में निहित है। इससे पहले हिजाब पहनने वाली महिलाओं को गहन जांच के लिए परीक्षा केंद्रों पर जल्दी पहुंचना पड़ता था, जिसके बाद उन्हें हॉल में जाने की अनुमति दी जाती थी।

    इससे पहले, कर्नाटक सरकार ने उम्मीदवारों को केईए द्वारा आयोजित भर्ती-संबंधित परीक्षाओं में उपस्थित होने के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति दी थी। पांच निगमों में रिक्त पदों को भरने के लिए 28 और 29 अक्टूबर को परीक्षा आयोजित की गई थी।

    हिजाब विवाद जनवरी 2022 में तब भड़का जब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को प्रवेश से रोक दिया। इसके बाद प्रवेश न दिए जाने पर लड़कियों ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

    राज्य में प्रदर्शन के बाद उडुपी के कई कॉलेजों के लड़के भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षाओं में जाने लगे। विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे कर्नाटक में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हुए। शपथ लेने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) के नाम पर शिक्षा क्षेत्र में "मिलावटी" नहीं होने दी जाएगी।

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    मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक की सद्भावना और धर्मनिरपेक्ष विरासत की रक्षा के मुद्दे पर समझौता करने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भय के माहौल को खत्म किया जाएगा।