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    Hijab Row: सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को दिया आश्वासन, कहा- "तीन जजों की बेंच जल्द करेगी मामले की सुनवाई"

    By Jagran NewsEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Mon, 23 Jan 2023 11:34 AM (IST)

    जल्द ही सुप्रीम कोर्ट शिक्षा संस्थान में हिजाब को बैन के मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है। इसको लेकर वकीलों की मांग थी कि फैसला जल्द किया जाए जिसे ध्याने में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आश्वासन दिया है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को हिजाब मामला रजिस्ट्रार के सामने पेश करने को कहा।

    कर्नाटक, ऑनलाइन डेस्क। कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला सुनाने वाली है। दरअसल, पहले सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा शैक्षणिक संस्थानों पर लगाए गए बैन वाले आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर खंडित फैसला सुनाया था। जिसको लेकर वकील ने मांग की है कि इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई हो और एक सटीक फैसला किया जाए।

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    सितंबर में सुरक्षित रखा गया था फैसला

    दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाले विभिन्न याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। इस फैसले को न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की बेंच ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा था।

    तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई

    हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सभी वकीलों की मांग को ध्यान में रखते हुए उन्हें आश्वासन दिया है कि मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी। इसके साथ ही सभी वकीलों को आदेश दिया है कि वो हिजाब से जुड़ा मामला रजिस्ट्रार के सामने रखें। दो जजों के बेंच ने फैसला सुनाया था जिसमें न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता हिजाब बैन बरकरार रखना चाहते थे जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया इसे खत्म करना चाहते थे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वो पहले इस मामले को देखेंगे इसके बाद तीन जजों की बेंच के सामने रखेंगे।

    आपको बता दें, इस मामले में 10 दिन तक बहस जारी रहा था। बहस में याचिकाकर्ता की ओर से 21 वकील शामिल थे और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज, कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने प्रतिवादियों के लिए तर्क दिया था। इस मामले में याचिकाकर्ता की वकील का कहना है कि परिक्षा शुरू होने वाली है ऐसे में मुस्मिल छात्राएं परेशान है। इस मामले को लेकर पहले ही उनका एक साल बर्बाद हो चुका है, दोबारा वो इसे बर्बाद नहीं करना चाहती है। अगर समय रहते फैसला आ जाता है तो इससे उन्हें काफी मदद मिल जाएगी।

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