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    कर्नाटक हाई कोर्ट ने 'एक्स' की अपील की स्वीकार, सरकार ने टेकडाउन आदेश पर पुनर्विचार से किया था इनकार

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Wed, 04 Oct 2023 09:14 PM (IST)

    कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) की ओर से दायर अपील को स्वीकार कर लिया। इस याचिका के माध्यम से एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी है। दो फरवरी 2021 और 28 फरवरी 2022 के बीच 10 सरकारी आदेश जारी किए गए थे जिसके जरिए तत्कालीन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को 1474 अकाउंट और एक हैशटैग को ब्लॉग करने का निर्देश दिया गया था।

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    हाई कोर्ट नौ अक्टूबर को करेगी सुनवाई (फाइल फोटो)

    पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) की ओर से दायर अपील को स्वीकार कर लिया। इस याचिका के माध्यम से एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी है।

    दरअसल, एकल न्यायाधीश ने आदेश में सरकार की ओर से जारी 'टेकडाउन' आदेश के खिलाफ एक्स कॉर्प की याचिका को खारिज कर दिया था। ऐसा तब हुआ था जब सरकार ने न्यायालय को सूचित किया था कि वह 'टेकडाउन' आदेशों पर पुनर्विचार नहीं करेगी, क्योंकि परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

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    क्या है पूरा मामला?

    दो फरवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2022 के बीच 10 सरकारी आदेश जारी किए गए थे, जिसके जरिए तत्कालीन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को 1474 अकाउंट, 175 ट्वीट और 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था।

    एक्स कॉर्प ने सरकार के इस आदेश को एकल न्यायाधीश की पीठ के समक्ष चुनौती दी थी, लेकिन याचिका खारिज हो गई थी। साथ ही कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

    इसके बाद मामला न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति विजयकुमार ए. पाटिल की खंडपीठ के समक्ष पहुंचा। पिछली सुनवाई में खंडपीठ ने सरकार से पूछा था कि क्या वह आदेशों पर पुनर्विचार करेगी।

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    वकील ने क्या दी दलील?

    कंपनी के वकील ने बुधवार को दलील दी कि सरकार की ओर से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत जरूरी खातों को ब्लॉक करने के कारणों को दर्ज करते हुए अंतिम आदेश पारित नहीं किया गया है।

    हालांकि, हाई कोर्ट ने कहा कि कारण दर्ज कराने का मुद्दा एकल न्यायाधीश ने स्वीकार किया था और अब मुद्दा यह है कि क्या खाताधारक को सूचित करना चाहिए। 

    बता दें कि हाई कोर्ट नौ अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी।