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    कर्नाटक सरकार को बड़ा झटका, कोर्ट ने दी प्रियांक खरगे के क्षेत्र में RSS को मार्च करने की अनुमति

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 03:38 PM (IST)

    कर्नाटक में आरएसएस के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में विवाद है। मंत्री प्रियांक खरगे के क्षेत्र में अधिकारियों ने आरएसएस के रूट मार्च को अनुमति नहीं दी, लेकिन कोर्ट ने अनुमति दे दी। कोर्ट ने कहा कि सभी की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। भाजपा ने कोर्ट के फैसले की सराहना की और कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत है।

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    कोर्ट ने दी आरएसएस को मार्च की इजाजत (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में आरएसएस के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस में बहसबाजी देखने को मिल रहा है। मंत्री प्रियांक खरगे के गृह निर्वाचन क्षेत्र चित्तपुर में अधिकारियों ने शांति और कानून-व्यवस्था भंग होने की संभावना का हवाला देते हुए रविवार को आरएसएस के रूट मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया। लेकिन कोर्ट ने आरएसएस को रूट मार्च की अनुमति दे दी है।

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    दरअसल, 19 अक्टूबर 2025 को होने वाले RSS के मार्च की अनुमति नहीं मिलने पर कोर्ट की ओर रूख किया गया। अदालत आरएसएस कलबुर्गी के संयोजक अशोक पाटिल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने रविवार को चित्तपुर में मार्च आयोजित करने की अनुमति देने में अधिकारियों की निष्क्रियता को चुनौती दी थी।

    कर्नाटक सरकार को झटका

    एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमजीएस कमल ने राज्य सरकार से पूछा कि वह किस प्रकार समायोजन करने और आगे बढ़ने की योजना बना रही है? उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार को झटका देते हुए आरएसएस को 2 नवंबर को चित्तपुर में अपना रूट मार्च आयोजित करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने कहा कि सभी की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।

    रैलियों से झड़पें होने की संभावना

    गौरतलब है कि इससे पहले, पुलिस की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि रविवार को चित्तपुर में आरएसएस, भीम आर्मी और भारतीय दलित पैंथर द्वारा एक साथ की गई रैलियों से झड़पें हो सकती हैं और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल ही में एक आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे को कथित तौर पर गाली देने और जान से मारने की धमकी देने की घटना से चित्तपुर में तनाव बढ़ गया है, जो कि उनका निर्वाचन क्षेत्र है।

    भाजपा ने कोर्ट के फैसले की सराहना की

    कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने उच्च न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि न्यायालय ने संविधान को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने चितापुर में आरएसएस संचलन पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया, उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा है। आज का अदालती फैसला स्पष्ट संदेश देता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्तावादी शासन के लिए कोई जगह नहीं है और इसने उन लोगों को करारा सबक सिखाया है जो दिनदहाड़े संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का ढिंढोरा पीटते हैं।

    बताते चले कि इससे पहले उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि आरएसएस के कार्यक्रम को आयोजित करने से मना करना उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के सत्तावादी शासन की याद दिलाता है।

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