Caste Survey: कर्नाटक में 'जाति जनगणना' की अवधि बढ़ी, अब 31 अक्तूबर तक होगा सर्वेक्षण
कर्नाटक सरकार ने 'जाति जनगणना' की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि अब शिक्षकों को जनगणना कार्य में नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सर्वेक्षण की प्रगति पर चर्चा के लिए बैठक की। बेंगलुरु को छोड़कर, अधिकांश क्षेत्रों में 90% कार्य पूरा हो चुका है। ऑनलाइन विकल्प भी उपलब्ध है।

'जाति जनगणना' की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ाने का निर्णय (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार ने सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण यानी 'जाति जनगणना' की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। सर्वेक्षण की शेष अवधि के दौरान शिक्षकों का उपयोग जनगणना कार्य के लिए नहीं किया जाएगा।
यह सर्वेक्षण कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किया जा रहा है, जो 22 सितंबर को शुरू हुआ था और मूल रूप से सात अक्टूबर को समाप्त होने वाला था। हालांकि, राज्य सरकार ने बाद में सर्वेक्षण की अवधि 18 अक्टूबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया और शिक्षकों की मदद से सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए दशहरा की छुट्टियों को भी 18 अक्टूबर तक बढ़ा दिया।
मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक
मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने रविवार को वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की ताकि सर्वेक्षण की प्रगति पर चर्चा की जा सके। इस बैठक में कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मधुसूदन आर नाइक भी शामिल थे।
शिवकुमार ने कहा, 'राज्य के अन्य सभी हिस्सों में, बेंगलुरु दक्षिण, बिदर, धारवाड़ को छोड़कर सर्वेक्षण का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और इसे अच्छी तरह से किया गया है। बेंगलुरु शहर में 67 प्रतिशत कवरेज है, जिसमें 20 प्रतिशत ने जानकारी नहीं दी है। हमने सर्वेक्षण की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। अब से हम जनगणना कार्य के लिए शिक्षकों का उपयोग नहीं करेंगे।'
उन्होंने कहा, 'जनगणना कार्य के लिए 20, 21 और 22 अक्टूबर को दीपावली की छुट्टी होगी। अन्य सरकारी कर्मचारियों का उपयोग सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए किया जाएगा। आनलाइन सर्वेक्षण विकल्प उपलब्ध होंगे, जिसका उपयोग कोई भी कर सकता है। सर्वेक्षण 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा।'
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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