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ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- भारत में उड्डयन उद्योग हो रहा विकसित, एक नये युग की तरफ बढ़ रहा एविएशन सेक्टर

वर्ष 2027 तक भारत के छह सबसे बड़े एयरपोर्ट पर 42 करोड़ यात्रियों का आना-जाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक 20 ट्रिलियन डॉलर की इकोनोमी बनने जा रहा है और इस हिसाब से ही हमें अपने ढांचागत सुविधाओं को विकसित करना होगा।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Mon, 20 Mar 2023 10:14 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 10:14 PM (IST)
ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- भारत में उड्डयन उद्योग हो रहा विकसित, एक नये युग की तरफ बढ़ रहा एविएशन सेक्टर
भारत में उड्डयन उद्योग विकसित हो रहा है: ज्योतिरादित्य सिंधिया

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि जिस तरह से भारत में उड्डयन उद्योग विकसित हो रहा है उसे देखते हुए अब यहां विमानों की और उड्डयन उद्योग से जुड़े दूसरे उपकरणों के निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत का बाजार इसके लिए तैयार है।

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तीन-चार फीसद आबादी तक ही विमान सेवाओं की पहुंच

सिंधिया ने कहा कि भारत का एविएशन सेक्टर एक नये युग की तरफ बढ़ रहा है। वर्ष 2013-14 में देश में सिर्फ 1.4 करोड़ विमान यात्री सालाना थे जिनकी संख्या बढ़ कर अब 14.4 करोड़ हो गई है। इसके बावजूद भारत की तीन-चार फीसद आबादी तक ही विमान सेवाओं की पहुंच हुई है। यह बताता है कि इस उद्योग के समक्ष कितना बड़ा बाजार है।

सिंधिया एविएशन सेक्टर की प्रमुख सलाहकार व अनुसंधान एजेंसी कैपा की तरफ से आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी रोजाना 4.20 से 4.40 लाख लोग विमानों से यात्रा करते हैं लेकिन अक्टूबर तक यह संख्या 4.56 लाख को पार कर जाएगी। भारत में एक दिन में सर्वाधिक यात्रा का रिकार्ड 4.56 लाख ही है।

2047 तक 20 ट्रिलियन डॉलर की इकोनोमी बनने जा रहा: सिंधिया

वर्ष 2027 तक भारत के छह सबसे बड़े एयरपोर्ट पर 42 करोड़ यात्रियों का आना-जाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक 20 ट्रिलियन डॉलर की इकोनोमी बनने जा रहा है और इस हिसाब से ही हमें अपने ढांचागत सुविधाओं को विकसित करना होगा।

सिंधिया  ने भारत के एविएशन सेक्टर की यह गुलाबी तस्वीर तो खींची लेकिन इसी सेमिनार में कैपा ने जो रिपोर्ट पेश की है उसमें कहा गया है कि भारत में काम करने वाली एविएशन कंपनियों को अगले वित्त वर्ष के दौरान संयुक्त तौर पर 1.6 अरब डॉलर तक का घाटा हो सकता है। हालांकि इससे इन कंपनियों की विस्तार योजना पर कोई असर नहीं होगा। वर्ष 2023-24 में भारतीय कंपनियां 132 नए विमान खरीदने जा रही हैं।


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