जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई, नकदी बरामदगी मामले पर याचिकाकर्ता ने बचाव में क्या कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है। जस्टिस वर्मा ने नकदी बरामदगी मामले में आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य करार देने की मांग की है। जस्टिस वर्मा ने तर्क दिया कि जांच समिति ने उन्हें पूर्ण और निष्पक्ष सुनवाई का अवसर नहीं दिया। जस्टिस खन्ना की सिफारिश को भी रद करने की मांग की है।

पीटीआई, नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई कर सकता है। याचिका में जस्टिस वर्मा ने नकदी बरामदगी मामले में आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य करार देने की मांग की है। जांच समिति ने नकदी बरामदगी मामले में जस्टिस वर्मा को दोषी माना है।
याचिका में जस्टिस वर्मा तर्क दिया गया कि जांच समिति ने उन्हें पूर्ण और निष्पक्ष सुनवाई का अवसर नहीं दिया। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है।
जस्टिस खन्ना ने राष्ट्रपति को लिखा था पत्र
जस्टिस वर्मा ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की आठ मई की सिफारिश को भी रद करने की मांग की है, जिसमें जस्टिस खन्ना ने संसद से उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया था।
जस्टिस खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जज के महाभियोग की सिफारिश की थी।
गौरतलब है कि 14 मार्च को दिल्ली स्थित जज के आवास में आग लगने के दौरान नकदी मिली थी। उस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे। इस मामले के बाद उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया गया।
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