जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच रिपोर्ट को दी चुनौती, महाभियोग से पहले बड़ा प्रयास
दिल्ली के सरकारी आवास में बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के आरोपों का सामना कर रहे इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने अब राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नकदी मामले में जांच करने वाली तीन सदस्यीय आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट को चुनौती दी है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी आवास में बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के आरोपों का सामना कर रहे इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने अब राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
जस्टिस यशवंत वर्मा ने कही ये बात
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नकदी मामले में जांच करने वाली तीन सदस्यीय आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि कमेटी ने उन्हें अपनी सफाई पेश करने का पूरा मौका नहीं दिया।
याचिका में मांग की है कि आंतरिक जांच कमेटी की तीन मई 2025 की फाइनल रिपोर्ट रद की जाए। साथ ही रिपोर्ट के आधार पर की जा रही कार्रवाई भी रद की जाए।
याचिका में तत्कालीन सीजेआइ संजीव खन्ना द्वारा राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को जांच रिपोर्ट भेज कर जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश को भी चुनौती दी गई है।
जांच कमेटी की जांच पर सवाल उठाए
जांच कमेटी की जांच पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा है कि कमेटी ने उनके ऊपर लगे आरोपों को गलत साबित करने की जिम्मेदारी यानी बर्डन ऑफ प्रूफ उन्हीं पर डाल दिया। उन्होंने इसे किसी न्यायाधीश के खिलाफ जांच और कार्रवाई के लिए तय संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ बताया है।
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