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    न्यायाधीश पंचोली को पदोन्नत करने के कोलेजियम के फैसले पर आपत्ति, जस्टिस नागरत्ना ने उठाए सवाल

    सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति देने की कालेजियम की सिफारिश पर कड़ी असहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति न्याय के लिए विपरीत प्रभाव डालने वाली होगी। उन्होंने जस्टिस पंचोली की वरिष्ठता पर भी सवाल उठाया। जस्टिस नागरत्ना ने सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के मुद्दे को भी उठाया।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 27 Aug 2025 12:42 AM (IST)
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    न्यायाधीश पंचोली को पदोन्नत करने के कोलेजियम के फैसले पर आपत्ति (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति देने की कालेजियम की सिफारिश पर कड़ी असहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति न्याय के लिए विपरीत प्रभाव डालने वाली होगी।

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    जस्टिस नागरत्ना ने सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के मुद्दे को भी उठाया

    उन्होंने जस्टिस पंचोली की वरिष्ठता पर भी सवाल उठाया। हाई कोर्ट के जजों की वरिष्ठता की रैंक में वे देशभर के सभी हाई कोर्ट के न्यायाधीशों में अभी 57वें स्थान पर हैं। जस्टिस नागरत्ना ने सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के मुद्दे को भी उठाया।

    कोलेजियम में ये रहे शामिल

    कोलेजियम ने 25 अगस्त को बैठक की और केंद्र को न्यायमूर्ति पंचोली के नाम की सिफारिश की 4-1 के बहुमत से की थी। इस कोलेजियम में चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस जेके महेश्वरी के अलावा जस्टिस नागरत्ना शामिल रहीं। यदि न्यायमूर्ति पंचोली सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनते हैं तो वे अक्टूबर 2031 में न्यायमूर्ति जायमाल्या बागची के सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में होंगे।

    सुप्रीम कोर्ट की एकमात्र महिला न्यायमूर्ति नागरत्ना ने अपनी असहमति में कई कारण प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति पंचोली की पदोन्नति उनकी कम वरिष्ठता और गुजरात हाई कोर्ट से पटना हाई कोर्ट में स्थानांतरण की परिस्थितियों के बावजूद न्यायपालिका के लिए विपरीत प्रभाव डालने वाली होगी।

    सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति नागरत्ना ने यह भी उल्लेख किया कि उनकी नियुक्ति को आगे बढ़ाना कोलेजियम प्रणाली की विश्वसनीयता को कमजोर कर सकता है। उन्होंने न्यायमूर्ति पंचोली के जुलाई 2023 में स्थानांतरण को एक सावधानीपूर्वक विचारित कदम बताया। जस्टिस नागरत्ना ने सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के मुद्दों को भी उठाया।

     जज जस्टिस एनवी अंजारिया भी सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हुए

    बता दें कि करीब तीन माह पहले ही गुजरात हाई कोर्ट के एक और जज जस्टिस एनवी अंजारिया भी सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हुए हैं। गैर सरकारी संगठन न्यायिक जवाबदेही और सुधारों के लिए अभियान (सीजेएआर) ने भी इस मुद्दे पर बयान जारी किया है, जिसमें कोलेजियम के निर्णय को पारदर्शिता के मानकों का उल्लंघन बताया गया है।

    सीजेएआर ने जस्टिस नागरत्ना की असहमति का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि कोलेजियम को न्यायमूर्ति पंचोली की सिफारिश करने में क्या प्रभावित किया।