सुप्रीम कोर्ट में नव नियुक्त तीन जजों में सबसे जूनियर होंगे जस्टिस जोसेफ, 7 को लेंगे शपथ
सुप्रीम कोर्ट से शपथ कार्यक्रम के बारे में जारी सर्कुलर के मुताबिक मंगलवार को जस्टिस जोसेफ का शपथ में तीसरा नंबर है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। लंबे विवाद के बाद जस्टिस केएम जोसेफ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश तो नियुक्ति हो गए, लेकिन वे नव नियुक्त तीन न्यायाधीशों में सबसे जूनियर होंगे। मंगलवार को तीनों नये न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पद की शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट में शपथ लेने और नियुक्ति के तय वरिष्ठताक्रम को देखा जाए तो जस्टिस जोसेफ का नाम जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण के बाद सबसे नीचे है। यानी वे फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सबसे जूनियर न्यायाधीश होंगे।
जस्टिस जोसेफ के कनिष्ठ होने का प्रभाव उनके सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पीठ की अध्यक्षता करने पर पड़ेगा।
जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति विवाद पर अगर निगाह डाली जाए तो सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने गत 10 जनवरी को उनके नाम की सिफारिश सरकार को भेजी थी। सरकार ने कई महीने उसे लंबित रखने के बाद कोलीजियम को जस्टिस जोसेफ का नाम पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था। सरकार ने उनकी वरिष्ठता पर सवाल उठाए थे। सरकार का कहना था कि जस्टिस जोसेफ हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की आल इंडिया वरिष्ठता में काफी नीचें हैं इसके अलावा वे मूलत: केरल हाईकोर्ट से आते हैं और केरल का पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। जबकि कई ऐसे प्रांत हैं जिनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। सरकार से जोसेफ का नाम वापस आने के बाद न्यायपालिका में काफी प्रतिक्रिया हुई थी।
कोलीजियम के सदस्य जजों ने इस पर आपत्ति उठाई थी और जस्टिस जे. चेलमेश्वर (अब सेवानिवृत) ने इस बाबत मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी भी लिखी थी। इसके बाद कोलीजियम ने सर्वसम्मति से गत 16 जुलाई को जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश दोबारा सरकार को भेजी थी। तय नियमों के मुताबिक कोलीजियम द्वारा दूसरी बार भेजी गई सिफारिश सरकार पर बाध्यकारी होती है। इसके अलावा उसी दिन एक अलग संस्तुति में कोलीजियम ने मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी व उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विनीत शरण को भी सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने की सिफारिश की थी। सरकार ने तीनों सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं और तीनों न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने का आदेश जारी हो चुका है।
अब तीनों न्यायाधीश मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट से शपथ कार्यक्रम के बारे में जारी सर्कुलर के मुताबिक मंगलवार को जस्टिस जोसेफ का शपथ में तीसरा नंबर है। पहला नाम जस्टिस इंदिरा बनर्जी का है दूसरा नाम जस्टिस विनीत शरण का है। सुप्रीम का सर्कुलर सरकार की ओर से नियुक्ति की वरिष्ठता के अनुसार जारी आदेश के मुताबिक ही होता है।
वैसे अगर शुरुआती नियुक्ति के हिसाब से आल इंडिया वरिष्ठता देखी जाए तो सबसे वरिष्ठ जज इंदिरा बनर्जी ही हैं जिनकी नियुक्ति 5 फरवरी 2002 को हाईकोर्ट जज के पद पर हुई थी। उसके बाद जस्टिस विनीत शरण का नंबर आता है जो कि 14 फरवरी 2002 को हाईकोर्ट जज नियुक्त हुए और तीसरे नंबर पर जस्टिस जोसेफ का नाम आता है जो 14 अक्टूबर 2004 को हाईकोर्ट जज बने, लेकिन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने में पहले नंबर पर जस्टिस जोसेफ का नाम आता है वे 31 जुलाई 2014 को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हो गए थे जबकि विनीत शरण 26 फरवरी 2016 और इंदिरा बनर्जी 5 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बनीं थीं।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोधा कहते हैं कि वैसे तो कोलीजियम जब प्रोन्नति की सिफारिश करती है तो उसी समय आल इंडिया वरिष्ठता देख कर की जाती है। वही वरिष्ठता का पैमाना होता है। हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनना नहीं, लेकिन फिर भी अगर कोलीजियम ने किसी के नाम की नियुक्ति की सिफारिश पहले की है और किसी की बाद में तो सामान्य तौर पर सरकार पहले की गई सिफारिश को पहले नंबर पर और बाद वाली को बाद में रखती है।
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