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    उत्तराखंड ग्लेशियर आपदा के बाद जारी अलर्ट के बीच जेपीवीएल ने बंद की विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Mon, 08 Feb 2021 05:18 PM (IST)

    उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद जारी अलर्ट को देखते हुए जेपीवीएल ने उत्तराखंड के चमोली जिले में एहतियात के तौर पर अपनी विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना को बंद कर दिया है। वहीं बचाव अभियान जारी है...

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    जेपीवीएल ने चमोली जिले में एहतियात के तौर पर अपनी विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना को बंद कर दिया है।

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। इस बीच जेपीवीएल, जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (Jaiprakash Power Ventures Ltd, JPVL) ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ की चेतावनी के बाद उसने एहतियात के तौर पर अपनी विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना (Vishnuprayag Hydro Electric Project) को बंद कर दिया है।

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    मालूम हो कि जेपीवीएल (Jaiprakash Power Ventures Ltd, JPVL) की 400 मेगावाट क्षमता वाली विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना अलकनंदा नदी के बैराज पर स्थित है। कंपनी ने जारी अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि एक जिम्मेदार कॉरपोरेट संचालक के रूप में वह इस त्रासदी से दुखी है। इस आपदा के चलते संयंत्र में कामकाज भी प्रभावित हुआ है। हम परियोजना को पहले जैसी स्थिति में लाने में लगने वाले समय का आकलन कर रहे हैं।

    उधर एनटीपीसी ने कहा है कि हिमस्खलन से तपोवन में निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना तपोवन विष्णुगढ़ (520 मेगावाट) के एक हिस्से को नुकसान पहुंचा है। सेबी के दिशानिर्देशों के मुताबिक इस आर्थिक क्षति के लिहाज से घटना को महत्वपूर्ण नहीं माना जा सकता है। एनटीपीसी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि बचाव अभियान जारी है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। कंपनी के पास नुकसान के लिए उचित बीमा कवर उपलब्ध है।

    दूसरी ओर वैज्ञानिकों का एक दल जोशीमठ क्षेत्र के लिए रवाना हो गया है। यह दल घटना की वजहों का पता लगाने और प्राथमिक जानकारी जुटाने का काम करेगा। इस आपदा में अब तक 18 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि 202 लोग अभी भी लापता बताए जाते हैं। एक टनल में अभी 25 से 35 लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है जिनको निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। बचाव अभियान में सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं।