G-20 Summit: पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के बाद जारी हुआ संयुक्त घोषणा पत्र, नई दिल्ली सम्मेलन पर टिकी नजर
जी-20 शिखर सम्मेलन से दो दिन पहले गुरुवार को जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने को लेकर कोई विवाद पैदा नहीं हुआ। जहां तक ईएएस घोषणा पत्र का सवाल है तो इसमें 34 बिंदुओं पर सहमति बनी है और हर बिंदु पूर्वी एशियाई क्षेत्र में इन देशों के बीच आपसी हितों को लेकर सहयोग को मजबूत बनाने को लेकर है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन से दो दिन पहले गुरुवार को जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने को लेकर कोई विवाद पैदा नहीं हुआ।
एक ही मंच पर जारी हुआ घोषणा पत्र
आसियान के सभी दस देशों के साथ एक ही मंच पर चीन, रूस, अमेरिका, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया की सदस्यता वाले इस संगठन के नेताओं की स्वीकृति से साझा घोषणा पत्र जारी किया गया। अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस तरह से ईएएस में जिस तरह से सहमति बनी है क्या वह दो दिनों बाद नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में दिखाई देगी?
पीएम मोदी और एस जयशंकर की अगुवाई वाली बैठक पर सबकी नजर
इस सवाल का जवाब जी-20 के सभी सदस्य देशों और दूसरे संगठनों के शेरपाओं (प्रमुख वार्ताकार) और प्रतिनिधियों के बीच खोजने की कोशिश गुरुवार देर शाम तक गुरूग्राम में चली बैठक में की गई है। अब अंतिम समय में पीएम नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की अगुवाई में होने वाली बैठकों पर सभी की नजर है।
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ईएएस घोषणा पत्र में 34 बिंदुओं पर बनी सहमति
जहां तक ईएएस घोषणा पत्र का सवाल है तो इसमें 34 बिंदुओं पर सहमति बनी है और हर बिंदु पूर्वी एशियाई क्षेत्र में इन देशों के बीच आपसी हितों को लेकर सहयोग को मजबूत बनाने को लेकर है। इसका सार यह है कि ईएएस के देश पूर्वी एशिया में रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक संपन्नता के लिए सहयोग बढ़ाएंगे ताकि शांति और स्थिरता हो। यह इन शिखर नेताओं की 18वीं बैठक थी। इस पूरे क्षेत्र को भावी चुनौतियों के मद्देनजर विकास के प्रमुख केंद्र के तौर पर विकसित करने की सहमति बनी है।
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साल 2028 तक के एजेंडे को दिया गया अंतिम रूप
संयुक्त बयान में यह कहा गया है कि इस क्षेत्र में जो भी कदम उठाए जाएंगे वो आसियान देशों के हितों को केंद्र में रख कर उठाए जाएंगे। पूर्वी एशियाई क्षेत्र के विकास के लिए वर्ष 2024 से वर्ष 2028 तक के एक एजेंडे को भी अंतिम रूप दिया गया है।
बैठक में शामिल होने के बादृ पीएम मोदी
सनद रहे कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को सुबह ही जकार्ता पहुंचे थे। इन दोनो बैठकों में हिस्सा लेने के बाद शाम को वह नई दिल्ली भी लौट आये। आसियान देशों के साथ शिखर सम्मेलन के बाद पहली बार भारत और आसियान देशों ने समुद्री सहयोग पर साझा घोषणा पत्र जारी किया है। इसके अलावा संकट की घड़ी में खाद्य सुरक्षा पर भी अलग से एक साझा घोषणा पत्र जारी किया गया है।
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