जैन समुदाय का कमाल! JITO ने खरीदी 186 लग्जरी कारें, मिला 21 करोड़ का छूट
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) के नेतृत्व में जैन समुदाय ने 186 लग्जरी कारें खरीदकर 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की है। इस सामूहिक खरीद में बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज जैसी कारें शामिल थीं, जिनकी कीमत 60 लाख से 1.3 करोड़ रुपये के बीच थी। जेआईटीओ के उपाध्यक्ष ने इस डील को अनूठा बताया और कहा कि इससे सदस्यों को काफी फायदा हुआ।

जैन समुदाय ने खरीदी 186 लग्जरी कारें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) के नेतृत्व में जैन समुदाय के लोगों ने 186 लग्जरी कारें खरीदी है। जैन समुदाय ने 186 लग्जरी कारें खरीदकर न सिर्फ सबको चौकाया, बल्कि इस ग्रुप डील के जरिए समुदाय ने 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की है।
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के इस पहल से न सिर्फ समुदाय के लोगों को फायदा हुआ। बल्कि इससे डीलरों को भी बड़े पैमाने पर बिक्री का भरोसा मिला। लग्जरी कारों पर मिली भारी भरकम छूट के बाद जेआईटीओ अब इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं और गहने जैसे दूसरे क्षेत्रों में भी ऐसे ही सामूहिक खरीद के सौदे पर विचार कर रहा है।
पूरे भारत में 65,000 JITO के सदस्य
दरअसल, जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन (JITO) के पूरे भारत में करीब 65,000 सदस्य हैं। अपनी व्यावसायिक विरासत के लिए मशहूर जैन समुदाय ने बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज जैसी 186 महंगी लग्जरी कारें खरीदी है। इसमें ज्यादातर लग्जरी कारें गुजरात के लोगों ने खरीदी है।
क्या बोले JITO के उपाध्यक्ष?
JITO के उपाध्यक्ष हिमांशु शाह ने लग्जरी ब्रांड्स के साथ किए इस डील को यूनिक सौदा बताया है। उन्होंने कहा कि संगठन ने BMW और मर्सिडीज जैसे शीर्ष ब्रांड्स के 15 डीलरों के साथ मिलकर काम किया और अपने सदस्यों के लिए बेहतर कीमतों पर बातचीत की।
JITO के उपाध्यक्ष हिमांशु शाह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि जेआईटीओ ने केवल एक सुविधा प्रदाता के रूप में काम किया और सौदे से कोई लाभ नहीं उठाया। जो लग्जरी कारें खरीदी गई, उन कारों की कीमत 60 लाख रुपये से 1.3 करोड़ रुपये के बीच थी। उन्होंने बताया कि ये गाड़ियां जनवरी से जून के बीच खरीदारों को सौंपी गईं। शाह ने कहा कि इससे हमारे सदस्यों को छूट के रूप में 21 करोड़ रुपये की बचत हुई।
किसने की थी शुरुआत
इस पहल की शुरुआत समुदाय के एक सदस्य नितिन जैन ने की थी, जब JITO के कुछ सदस्यों को यह विचार आया कि वे अपनी क्रय शक्ति का लाभ उठाकर कार डीलरों से छूट पर बातचीत कर सकते हैं। जैन ने बताया कि चूँकि इसमें कोई मार्केटिंग लागत शामिल नहीं थी, इसलिए कार निर्माता भी इसे फ़ायदेमंद स्थिति मान रहे थे। यह पहल समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ शुरू हुई और भारी छूट के बारे में सुनने के बाद जल्द ही अधिक लोगों की इसमें रुचि बढ़ गई।
इसके बाद जेआईटीओ के अन्य सदस्यों ने भी कारें खरीदना शुरू कर दिया। कुल मिलाकर 186 कारें खरीदी गईं और 21 करोड़ रुपये की बचत हुई। औसतन, प्रत्येक सदस्य ने 8 लाख रुपये से 17 लाख रुपये के बीच बचत की, जो परिवार के किसी सदस्य के लिए एक और कार खरीदने के लिए पर्याप्त थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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