Move to Jagran APP

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय अब टीबी मरीजों का प्रोटीन बढ़ाएगा

कृषि वैज्ञानिक अब टीबी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के शरीर में कम होते प्रोटीन को बढ़ाने में मदद करेंगे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 08:21 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 08:27 AM (IST)
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय अब टीबी मरीजों का प्रोटीन बढ़ाएगा
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय अब टीबी मरीजों का प्रोटीन बढ़ाएगा

जबलपुर [जेएनएन]। किसानों को खेती के नए तरीके सिखाने वाले कृषि वैज्ञानिक अब टीबी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों के शरीर में कम होते प्रोटीन को बढ़ाने में मदद करेंगे। इसके लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि के अंतर्गत आने वाले मप्र के जबलपुर के कृषि महाविद्यालय और कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय ने टीबी के 10-10 मरीजों को गोद लिया है।

loksabha election banner

गुरुवार को विवि के कुलपति डॉ. प्रदीप बिसेन ने मरीजों को 15 दिनों के डाइट चार्ट के मुताबिक पोषण आहार देकर इस पहल की शुरुआत की। खास बात यह है कि इन मरीजों में 5 से 6 साल के 3 बच्चे भी हैं, जिनके माता-पिता का देहांत टीबी की बीमारी से ही हो चुका है।

जब तक स्वस्थ नहीं, तब तक मिलेगा आहार

कुलपति डॉ. बिसेन ने दोनों ही महाविद्यालयों के डीन को निर्देश दिया कि तब तक इन मरीजों को खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराया जाए, जब तक की जिले का क्षय रोग विभाग इन्हें स्वस्थ होने का प्रमाणपत्र नहीं दे दे। हर 15 दिन में इन मरीजों के घर पर डाइट चार्ट के मुताबिक प्रोटीन युक्त आहार पहुंचाने की जिम्मेदारी भी महाविद्यालय की होगी।

ऐसे तैयार किया डाइट चार्ट

विवि के फूड साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग ने टीबी के मरीजों का डाइट चार्ट तैयार करने का काम किया। विभाग के एचओडी प्रो.एसएस शुक्ला ने बताया कि उन्होंने विक्टोरिया अस्पताल के क्षय रोग विभाग के डॉ. सीमांत ढिमोले और जनेकृषि विवि की चिकित्सा अधिकारी डॉ.अलका अग्रवाल के साथ मिलकर टीबी के मरीजों का डाइट चार्ट तैयार किया। क्षय विभाग के लिस्ट में दर्ज दोनों ही महाविद्यालय की सीमा में आने वाले अधारताल और पनागर के अंतर्गत मरीजों को चयन किया गया। एक मरीज को 15 दिनों तक प्रोटीन आहार देने पर 500 स्र्पए का खर्च आएगा, जिसे महाविद्यालय ही वहन करेगा।

यह भी उठाए कदम

- मरीजों को हर 15 दिनों में डाइट चार्ट के मुताबिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा।

- बीच में ही आहार खत्म हो जाता है तो महाविद्यालय में संपर्क कर आहार ले सकते हैं।

- इसके लिए कुलपति ने दोनों महाविद्यालय के डीन और डीएसडब्ल्यू को जिम्मेदारी दी है।

-विवि अपने अन्य महाविद्यालयों की मदद से भी 10-10 टीबी मरीजों को गोद लेगा।

- इनके आहार पर होने वाला खर्च महाविद्यालय अपने बजट से ही करेंगे।

डेढ़ गुना ज्यादा प्रोटीन की जरूरत

एक सामान्य व्यक्ति का वजन 30 किलो है तो उसे 24 घंटे में 30 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। वहीं टीबी के मरीज को 45 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। शरीर को पर्याप्त प्रोटीन न मिलने से कमजोरी बढ़ती है और बीमारी बढ़ाने का प्रतिशत भी बढ़ जाता है। इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए मरीजों को प्रति दिन शरीर की जरूरत के मुताबिक प्रोटीन दिया जाए तो उसके स्वस्थ्य होने का प्रतिशत दो गुना हो जाता है। विवि द्वारा दिए गए पोषण आहार में डाइट चार्ट दिया गया है। उसके अनुसार ही मरीज को प्रोटीन लेना है।

-डॉ. सीमांत ढिमोले, समन्वयक, क्षय रोग विभाग, विक्टोरिया 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.