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    जामुन बनेगा कई गंभीर बीमारियों का रामबाण इलाज, कैंसर, अल्सर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का हो सकेगा इलाज

    By Jagran NewsEdited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 25 Nov 2023 07:03 AM (IST)

    आइसर के वैज्ञानियों का दावा है कि अब तक जामुन के पौधे का जीनोम अनुक्रम नहीं किया गया था यह दुनिया का पहला जीनोम अनुक्रमण है। विशेषज्ञ ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग की मदद से जामुन के फल बीज और छाल के कुछ विशिष्ट गुणों की पहचान की गई है। अब इसकी मदद से कैंसर अल्सर डायबिटीज सहित अन्य बड़ी बीमारियों का भी उपचार हो सकेगा।

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    जामुन बनेगा कई गंभीर बीमारियों का रामबाण इलाज

     जेएनएन, भोपाल। भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आइसर) के विज्ञानियों ने जामुन का जीनोम अनुक्रमण तैयार कर इसके और भी औषधीय गुणों की पहचान की है। इसमें मौजूद एंटी आक्सीडेंट, एंटी फंगल और एंटी वायरल गुण अब जल्द ही कैंसर, डायबिटीज जैसी कई बड़ी बीमारियों के लिए रामबाण साबित होंगे।

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    कैंसर, अल्सर, डायबिटीज का हो सकेगा इलाज

    आइसर के वैज्ञानियों का दावा है कि अब तक जामुन के पौधे का जीनोम अनुक्रम नहीं किया गया था, यह दुनिया का पहला जीनोम अनुक्रमण है। आइसर के बायोलाजिकल साइंसेज विभाग के प्रोफेसर विनीत के शर्मा ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग की मदद से जामुन के फल, बीज और छाल के कुछ विशिष्ट गुणों की पहचान की गई है। अब इसकी मदद से कैंसर, अल्सर, डायबिटीज सहित अन्य बड़ी बीमारियों का भी उपचार हो सकेगा।

    उन्होंने इसे चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी जीत बताते हुए कहा कि इसके गुणों को पहचानने के लिए विज्ञानी लंबे समय से प्रयासरत थे। अब जाकर यह उपलब्धि हासिल हुई है। जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि जामुन के पेड़ की 1200 प्रजातियां होती हैं। ये सभी साइजेजियम परिवार की ही प्रजाति हैं। इस पौधे में 61 हजार जीन्स पाए जाते हैं। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए एलुमिना, टेनेक्स व नैनोपोर तकनीक का उपयोग किया गया है।

    जामुन के बीज में जैम्बोली पाए जाते हैं

    विज्ञानियों ने शोध में पाया कि जामुन के बीज में जैम्बोली पाए जाते हैं। इस कारण यह एंटी डायबिटिक, एंटी अल्सर, एंटी फंगल और एंटर आक्सीडेंट की तरह काम करता है। विज्ञानियों को इस जीनोम अनुक्रमण से यह भी पता चला कि इसमें कौन-कौन से जीन्स हैं, जिस कारण इसका महत्व बढ़ गया है। इस अनुक्रमण को पूरा करने में विज्ञानियों को ढाई साल का समय लगा। इस शोध का प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय जर्नल फ्रंटियर इन प्लांट सांइस में हुआ है। इस शोध में शोधार्थी अभिषेक चक्रवती, श्रृति महजन, मनोहर बिष्ट ने सहयोग किया है।

    जीनोम अनुक्रमण ही जीन्स बनाते हैं

    यह है जीनोम अनुक्रमण जीनोम उपक्रमण की मदद से हम किसी पौधों में छिपे गुणों का पता लगाते हैं। यह अनुक्रमण एक प्रकार को कोड होता है, जो डीएन के अंदर एडेनीन (ए), गुआनीन (जी), सइटोसीन (सी) और थाइमीन(टी) के रूप में रहता है। ये चारों क्रम बदल-बदलकर डीएनए में सजे रहते हैं। उदाहरण के तौर पर एजीसीटी, एसीजीटी, एटीजीसी...। यह अनुक्रमण पौधों में हजारों से लेकर लाखों, करोड़ों तक हो सकते हैं। ये जीनोम अनुक्रमण ही जीन्स बनाते हैं। इसकी मदद से यह भी पता लगाया जाता है कि ये जीन्स कैसे काम करते हैं और ये मिलकर क्या गुण विकसित करते हैं।

    इन पौधों का भी हो चुका है जीनोम अनुक्रमण आइसर के बायोलाजिकल साइंसेज विभाग के विज्ञानियों ने जामुन के अलावा अब तक गिलोय, आंवला, पीपल, बरगद, एलोवेरा, अदरक पर जीनोम अनुक्रमण किया गया है।

    जामुन के पौधे का जीनोम अनुक्रमण कर इसकी प्रजाति और औषधीय गुणों के बारे में पता लगाया गया है। अब तक जामुन के पौधे का जीनोम अनुक्रम नहीं किया गया था, यह दुनिया का पहला जीनोम अनुक्रमण है। -प्रो. विनीत के शर्मा, विज्ञानी, बायोलाजिकल साइंसेज विभाग, आइसर