Article 370 Verdict: ...तो अगले साल लोकसभा के साथ हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव
जम्मू-कश्मीर को जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा वापस देने और 30 सितंबर 2024 तक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब राज्य में चुनाव को लेकर लंबे समय से लगाई जा रही अटकलों पर भी विराम लग गया है। फिलहाल चुनावी तैयारियों के लिहाज से देखें तो निर्वाचन आयोग ने राज्य में चुनाव से जुड़ी ज्यादातर तैयारियां पूरी कर रखी हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा वापस देने और 30 सितंबर 2024 तक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब राज्य में चुनाव को लेकर लंबे समय से लगाई जा रही अटकलों पर भी विराम लग गया है। फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं, उसके तहत राज्य के विधानसभा चुनावों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के साथ कराया जा सकता है। जो अप्रैल- मई माह में प्रस्तावित हैं।
आम चुनाव के साथ न हुए तो सितंबर में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
वैसे भी जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिहाज से गर्मी के सीजन को सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह बात अलग है कि सुरक्षा बंदोबस्त के लिहाज से राज्य के विधानसभा चुनाव को आम चुनावों के साथ कराने को लेकर चुनाव आयोग खुद को कितना सहज पाता है। आम चुनावों के साथ इन चुनावों को न कराए जाने की स्थिति में इसे राज्य में हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा के बाद कराया जा सकता है। जो जुलाई-अगस्त के बीच करीब दो महीने तक चलती है। ऐसे में यह फिर सितंबर में हो सकते हैं।
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चुनाव आयोग ने पूरी कर रखी है तैयारी
फिलहाल चुनावी तैयारियों के लिहाज से देखें तो निर्वाचन आयोग ने राज्य में चुनाव से जुड़ी ज्यादातर तैयारियां पूरी कर रखी हैं। खासकर परिसीमन का काम वह काफी समय पहले ही पूरा कर चुका है। जिसमें राज्य में विधानसभा सीटों की संख्या को 107 से बढ़ाकर 114 तक कर दिया गया है। इनमें 24 सीटें पहले की तरह पीओके के लिए आरक्षित रखी गई हैं। जबकि बाकी 90 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। इनमें से जम्मू रीजन में 43 और कश्मीर रीजन में 47 सीटें रखी गई हैं। वहीं कुल सीटों में से नौ सीटें एसटी और दो कश्मीरी विस्थापितों के लिए रिजर्व रखी गई है। इसके साथ ही पांच नामित सदस्य भी होंगे।
राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम जारी
निर्वाचन आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश से पहले ही राज्य में विधानसभा चुनावों को कराए जाने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। मौजूदा समय में राज्य में मतदाता सूची का नए सिरे से पुनरीक्षण का काम किया जा रहा है। इनमें राज्य से बाहर रहने वाले वाले विस्थापित लोगों को भी शामिल करने से जुड़ी प्रक्रिया शुरू की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर से करीब पांच लाख लोग विस्थापित होकर देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए राज्य में 30 सितंबर 2024तक चुनाव कराने का निर्देश देकर विपक्षी दलों के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें वह केंद्र सरकार पर राज्य में चुनाव न कराने का आरोप लगा रहे थे।
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