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    रिहा किए जाएंगे नजरबंद हाई कोर्ट बार नेता कय्यूम, कोई बयान नहीं देने की शर्त पर छोड़ा जा रहा

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Wed, 29 Jul 2020 09:31 PM (IST)

    जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि नजरबंद हाई कोर्ट बार नेता मियां अब्दुल कय्यूम को कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का फैसला किया गय ...और पढ़ें

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    रिहा किए जाएंगे नजरबंद हाई कोर्ट बार नेता कय्यूम, कोई बयान नहीं देने की शर्त पर छोड़ा जा रहा

    नई दिल्ली, पीटीआइ। जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि लोक सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद हाई कोर्ट बार नेता मियां अब्दुल कय्यूम को कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का फैसला किया गया है। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ को जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने सूचित किया कि कय्यूम को इस शर्त पर रिहा किया जा रहा है कि वह नजरबंदी की मौजूदा मियाद सात अगस्त तक कश्मीर नहीं जाएंगे और न ही किसी प्रकार के बयान देंगे।

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    मियां अब्दुल कय्यूम को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 निरस्त करने के केंद्र के फैसले के बाद पिछले साल अगस्त में नजरबंद किया गया था। पीठ ने जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान का संज्ञान लिया और उन्हें कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया। मेहता ने कहा कि प्रशासन ने अब्दुल कय्यूम को उनकी नजरबंदी की मौजूदा अवधि सात अगस्त से नौ दिन पहले ही रिहा करने का फैसला किया है लेकिन वह उस समय तक दिल्ली में ही रहेंगे।

    कय्यूम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने सुझाव दिया कि बेहतर हो यदि उन्हें गुरुवार को ऐसे समय रिहा किया जाए जब उनके परिवार के सदस्य उनका स्वागत करने के लिए उपस्थित हों। मेहता ने इस सुझाव से सहमति व्यक्त की। कयूम की याचिका पर शीर्ष अदालत ने 26 जून को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था। याचिका में कयूम ने चिकित्सकीय आधार पर तिहाड़ जेल से श्रीनगर की सेंट्रल जेल में भेजने का अनुरोध किया था। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 28 मई को प्रदेश के बाहर की जेलों में रखने के खिलाफ कयूम की याचिका खारिज कर दी थी।

    बीते 23 जुलाई को जम्मू-कश्मीर सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मियां अब्दुल कयूम की हिरासत का मामला इस समय विचाराधीन है और जल्द ही इस मामले में निर्णय लिया जाएगा। बीते 15 जुलाई को शीर्ष अदालत ने प्रशासन से पूछा था कि उसने मियां अब्दुल कयूम को किस आधार पर हिरासत में रखा है। शीर्ष अदालत ने प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह कयूम की आयु, हिरासत अवधि खत्म होने और कोविड-19 महामारी समेत कई पहलुओं पर ध्यान दे।