भारत के लिए खतरे की घंटी, बड़ा खतरा बन रहा जमात उल मुजाहिदीन
जमात-उल-मुजाहिदीन ने बांग्लादेश से लगने वाले पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में उसने मजबूती से अपनी जड़ें जमा ली हैं।
कोलकाता (राजीव कुमार झा)। बांग्लादेश का प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) भारत के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। बांग्लादेश से लगने वाले पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में उसने मजबूती से अपनी जड़ें जमा ली हैं और उसके आतंकी पड़ोसी देश में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के डर से यहां भागकर आने का प्रयास कर रहे हैं। ये खतरे की घंटी है।
आए दिन पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से जेएमबी आतंकियों की गिरफ्तारी होती रहती है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से सटे बांग्लादेश के नवाबगंज से एक साथ जेएमबी के 17 संदिग्ध आतंकियों की हुई गिरफ्तारी ने सुरक्षा बलों की चिंताऔर बढ़ा दी है।
खबर है कि ये आतंकी भारतीय सीमा में प्रवेश करने की फिराक में थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता और बढ़ा दी गई है। अक्टूबर, 2014 में पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिले के एक घर में हुए विस्फोट के बाद भारत में पहली बार जेएमबी का नाम सामने आया था। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपा गई। जांच में जो तथ्य सामने आए, वह बेहद ही चौंकाने वाले थे।
एनआइए ने एक के बाद एक पश्चिम बंगाल व असम के विभिन्न हिस्सों से करीब दो दर्जन जेएमबी आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की, जिनके ऊपर न सिर्फ एनआइए ने लाखों का इनाम घोषित कर रखा था बल्कि बांग्लादेश में वे मोस्ट वांटेड थे। उन आतंकियों से पूछताछ में मिले तथ्य व उनके ठिकानों से जब्त सामान को देखकर एनआइए भी दंग रह गई थी।
आतंकियों के ठिकानों से रॉकेट लांचर जैसे खतरनाक हथियार भी बरामद हुए थे। इतना ही नहीं, यहां बैठकर जेएमबी आतंकी इन हथियारों को बनाते भी थे और राज्य के कुछ जिलों में अपनी गहरी पैठ बना चुके थे।साथ ही बर्द्धमान, बीरभूम व मुर्शिदाबाद जिलों में कई मदरसों का पता चला, जहां वे लोग जिहाद के लिए युवकों को प्रशिक्षण देते व भर्ती अभियान चलाते थे। पूछताछ में इन आतंकियों द्वारा बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट करने की साजिश का भी पता चला था। साथ ही बांग्लादेश सहित पश्चिम बंगाल व असम के कुछ सीमावर्ती जिलों को मिलाकर ग्रेटर बांग्लादेश बनाने के मंसूबे तक का पर्दाफाश हुआ था।
जिस प्रकार लगातार जेएमबी आतंकियों की पश्चिम बंगाल पर नजर है, ऐसे में निश्चित रूप से बड़ा खतरा बरकरार है। इधर, असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के जारी होने के बाद जिस प्रकार से राजनीति हो रही है, वैसे में चिंता इस बात की बढ़ गई है कि ऐसे तत्व मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं और कुछ वारदातों को अंजाम दे सकते है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों का भी मानना है कि जेएमबी निश्चित तौर पर खतरा है। ऐसे में सरकार व सुरक्षाबलों को समय रहते उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि इनके मंसूबे पर पानी फिर सके।