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    राज्यपाल विद्यासगर राव ने दी अध्यादेश को मंजूरी, कल होगा जल्लीकट्टू का आयोजन

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Sat, 21 Jan 2017 08:45 PM (IST)

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि रविवार को पूरे राज्य में जलीकट्टू खेल का आयोजन किया जाएगा।

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    राज्यपाल विद्यासगर राव ने दी अध्यादेश को मंजूरी, कल होगा जल्लीकट्टू का आयोजन

    चेन्नई, प्रेट्र। करीब तीन साल के प्रतिबंध के बाद तमिलनाडु में जल्लीकट्टू की वापसी तय हो गई है। तमिलनाडु के राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव ने जल्लीकट्टू अध्यादेश को शनिवार को मंजूरी दे दी। मदुरै और राज्य के अन्य हिस्सों में रविवार को सांडों को वश में करने वाले इस खेल का आयोजन किया जाएगा।

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    केंद्र सरकार ने तेज कदम उठाते हुए शुक्रवार रात अध्यादेश को मंजूरी देकर इसे लागू करने का रास्ता साफ कर दिया था। राज्य के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को कहा कि वह मदुरै के अलंगनाल्लूर में रविवार सुबह 10 बजे जल्लीकट्टू का उद्घाटन करेंगे। जबकि अन्य जगहों पर क्षेत्र से जुड़े मंत्री 11 बजे इसका उद्घाटन करेंगे।

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    मुख्यमंत्री ने युवाओं, छात्रों और आम जनता को राज्यभर में जल्लीकट्टू में शामिल होकर इसे सफल बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम (पीसीए) कानून, 1960 में संशोधन करने की मंजूरी मिली। इसके बाद इस कानून में संशोधन के अध्यादेश को राज्यपाल से भी अनुमति मिल गई है। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि अध्यादेश की जगह लेने और पीसीए कानून में संशोधन के लिए मसौदा विधेयक तमिलनाडु विधानसभा में पेश किया जाएगा और पारित कराया जाएगा।

    विधानसभा का सत्र 23 जनवरी से शुरू हो रहा है। पन्नीरसेल्वम ने अध्यादेश को लेकर मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, 'हमें तमिलनाडु की संपन्न संस्कृति पर गर्व है। तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।'इस बीच जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ मरीना तट पर शनिवार को पांचवें दिन प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारी वहां से हटने को तैयार नहीं दिख रहे और इसके स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं। हालांकि राज्य के बहुत सारे लोगों ने अध्यादेश का स्वागत किया है।

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