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    कैसे हर घर पहुंचेगा पानी? राष्ट्रीय जल जीवन कोष में 2 लाख रुपये भी नहीं हुए जमा

    राष्ट्रीय जल जीवन सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना की मदद से देश के हर गांव के हर घर तक नल से जल पहुंचे। इस योजना के लिए सरकार प्रतिवर्ष पचास हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है। इस मिशन के लिए राज्य भी अपने हिस्से की धनराशि दे रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 08 Dec 2024 11:00 PM (IST)
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    राष्ट्रीय जल जीवन कोष में 2 लाख रुपये भी नहीं हुए जमा (फोटो- जागरण)

    मनीष तिवारी, नई दिल्ली। Jal Jiwan Mission: जल जीवन मिशन यानी गांव के हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना के लिए केंद्र सरकार हर साल लगभग पचास हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है। राज्य भी अपने हिस्से की धनराशि आगे-पीछे दे रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही यह भी अपेक्षा की गई थी कि पानी के लिए धन का दान भी मिलेगा तो उससे ग्रामीण आबादी की पानी की जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगा, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि न तो लोग इसके लिए आगे आए और न ही कॉरपोरेट जगत।

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    नहीं मिला दान

    आज स्थिति यह है कि जल जीवन कोष में पांच साल में इतनी न्यूनतम राशि भी जमा नहीं हो सकी कि उसका कहीं सदुपयोग किया जाता। इस कोष में केवल 1.94 लाख रुपये जमा हो सके हैं, जिसके कारण जलशक्ति मंत्रालय को कहना पड़ा कि यह धनराशि इतनी कम है कि उसे कहीं व्यय नहीं किया जा सका। जल जीवन कोष की स्थिति का सवाल गत सप्ताह राज्यसभा में उठा था। इसमें आई राशि का ब्यौरा पूछा गया था और उसके उपयोग की जानकारी मांगी गई थी।

    इसके जवाब में केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने सदन को बताया कि व्यक्तिगत रूप से लोगों, संस्थानों, कारपोरेट समूहों और सामाजिक कार्यों के लिए दानदाताओं को 2019 में शुरू किए गए जल जीवन मिशन से जुड़ने का अवसर देने के लिए एक राष्ट्रीय कोष की स्थापना की गई थी। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि बहुत सारे लोग और संस्थान समाज के कल्याण के लिए कुछ वापस देने की इच्छा रखते हैं। ऐसे लोग और समूह केंद्रीय जल जीवन कोष में दान देकर इस आंदोलन का हिस्सा बन सकते हैं।

    केवल जमा हुए इतने पैसे

    जल जीवन मिशन का लक्ष्य हासिल करने की दृष्टि से इसे अहम पहल माना गया था और इसके लिए जेजेएम मोबाइल एप के साथ ही एक वेबसाइट https://jaljeevanmission.gov.in/ भी बनाई गई थी, लेकिन इनमें योगदान के रूप में केवल 1,94,158 रुपये ही जमा हो सके हैं। यह पैसा कहीं आवंटित नहीं किया जा सका।

    इस पहल के आगे न बढ़ पाने के संदर्भ में मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि लोग पानी के मामले में मदद नहीं करना चाहते हैं। शायद इस कोष की सही तरह जानकारी नहीं दी जा सकी। अगर प्रचार में कोई कमी रही है तो इसे दूर किया जाएगा। वैसे यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और केंद्र और राज्य सरकारें अपना योगदान दे रही हैं।