जल जीवन मिशन ने बदली देश की तस्वीर, पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ने पांच साल में बनाया रिकॉर्ड
जल जीवन मिशन योजना धरातल पर एक नया अध्याय लिख रही है। पांच साल पहले शुरू हुई ये योजना ग्रामीण भारत के लोगों के जीवन को आसान बना रही है। इस योजना ने महिलाओं के जीवन में खुशहाली लाई है। इस योजना पर एसबीआई ने एक रिसर्च की जिसमें सुखद परिणाम सामने आए हैं। पीएम ने भी इस योजना को लेकर अपनी बातों को रखा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Jal Jeevan Mission: केंद्र की मोदी सरकार ने देश के लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं। सरकार का विशेष फोकस देश के उन हिस्सों में रहा है, जहां पर दशकों से लोगों का जीवन कठिन रहा है। पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में कई योजनाएं चलाई हैं।
इस बीच 5 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जल जीवन मिशन' योजना की शुरुआत की थी। इस योजना ने महिलाओं के जीवन में खुशहाली लाई है। इस योजना के लॉन्च होने के बाद देश के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदली है। इस योजना के तहत देश के करोड़ों ग्रामीण घरों में पानी पहुंच रहा है। सीधे नल से जल पहुंचने से लोगों का जीवन आसान हुआ है। इस योजना को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से एक रिसर्च की गई थी, जिसके आंकड़े आपको चौंका सकते हैं।
SBI ने की योजना पर स्टडी
जल जीवन मिशन योजना को 15 अगस्त 2019 को लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य भारत के 19.34 करोड़ घरों साल 2024 के अंत तक नल से जल पहुंचाने का है। हालांकि, लक्ष्य को प्राप्त करने की अवधि बढ़ाई जा सकती है। जिस समय इस योजना को लॉन्च किया गया था, उस वक्त भारत के ग्रामीण अंचल में केवल 3.23 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंच सकता था। इस मिशन के तहत देश के 16.10 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया, जिस पर पिछले 5 सालों में तेजी से काम हुए हैं। इस योजना में लगातार हुए काम के सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
धरातल पर मिली सफलता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर शानदार सफलता मिली है। जहां पांच साल पहले ग्रामीण इलाकों में केवल 3.23 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंच रहा था, अब यह आंकड़ा 10 अक्टूबर 2024 तक 15.20 करोड़ घरों तक पहुंच गया है।
वर्तमान में देश के 78.62 फीसद ग्रामीण इलाकों में नल से जल पहुंच रहा है। इस वजह से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन लोगों को अब पानी के लिए चिंता नहीं करनी पड़ती है। पानी की लगातार उपलब्धता की वजह से खेतीबारी और पशुपालन से जुड़ी गतिविधिया आसानी से हो जाती हैं। योजना को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र की हिस्सेदारी 2.08 लाख करोड़ है, जबकि राज्यों को 1.52 लाख करोड़ रुपये खर्च करना है.
एसबीआई की रिपोर्ट में बड़े खुलासे
जल जीवन मिशन स्कीम को लेकर एसबीआई ने एक रिसर्च किया था। इस रिसर्च में पता चला कि देशभर में घर से बाहर जाकर पानी लाने के मामलों में 8.3 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है। इस योजना के धरातल पर उतरने के कारण खेतीबारी और उनसे जुड़ी गतिविधियों में महिलाओं की भागेदारी 7.4 प्रतिशत तक बढ़ी है। ये आंकड़े अपने आप में चौंकाने वाले हैं। देश के कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो अन्य राज्यों में घर से बाहर जाकर पानी लाने वालों के मामलों में कमी आई है।
पीएम मोदी ने की तारीफ
जल जीवन मिशन की सफलता पर पीएम मोदी ने भी देश के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जल जीवन मिशन किस तरह से महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ा रहा है, इस पर एक अच्छा दृष्टिकोण, खासकर हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में। अपने घर के दरवाजे पर स्वच्छ पानी उपलब्ध होने से, महिलाएं अब कौशल विकास और आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं।"
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