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    'जहां भी होंगे आतंकी, हम घुसकर मारेंगे...', जयशंकर का पाक को संदेश- आतंकवाद को लेकर भारत की जीरो-टॉलरेंस नीति

    Updated: Thu, 22 May 2025 01:54 PM (IST)

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के लिए अपनी भौगोलिक सीमा की सुरक्षा करना पहला कर्तव्य है। जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को लेकर जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाता है।

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    जयशंकर का पाक को आतंक पर कड़ा संदेश। (फाइल फोटो)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत को पाकिस्तान व चीन के साथ अपनी सुरक्षा चिंताओं को दूर रख कर आर्थिक सहयोग पर ध्यान देने की कोशिश कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पश्चिमी देशों के कुछ विश्लेषकों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बहुत ही स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया है कि भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।

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    उन्होंने कहा है कि, किसी भी सरकार के लिए अपने देश की भौगोलिक सीमा की सुरक्षा करना पहला कर्तव्य है।

    पश्चिमी देशों को भी खरी-खरी

    पश्चिमी देशों को विदेश मंंत्री जयशंकर ने यह भी कहा है कि वह भारत की सुरक्षा चिंताओं को नहीं समझ सकते क्योंकि सोवियत संघ के विघटन के बाद ये देश बहुत ही सुरक्षित माहौल में रह रहे थे,  हालांकि अब (यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद) इन्हें भी सुरक्षा से जुड़े सवालों से दो-चार होना पड़ा है।

    पाक कट्टरपंथियों को बढ़ावा देता हैः जयशंकर

    नीदरलैंड की एनओएस चैनल को दिए गए एक वीडियो साक्षात्कार में विदेश मंत्री जयशंकर से पूछा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप यह संकेत देना चाह रहे हैं कि अगर भारत चीन व पाकिस्तान के साथ अपने तनाव को हटा कर उनके साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा दे तो आप साथ-साथ अमीर हो सकते हैं।

    जयशंकर का जवाब था,

    यह काफी मजेदार सवाल है। पश्चिमी देश अभी यह महसूस कर रहे हैं कि अगर लंबे समय तक अपनी सुरक्षा जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया जाए तो क्या होता है। हमारी सुरक्षा चुनौतियां पश्चिमी देशों के मुकाबले काफी ज्यादा गंभीर है। हम जिस क्षेत्र में रहते हैं वह ज्यादा कठिन है और वहां की स्थिति ऐसी है जिससे पश्चिमी देश कई दशकों तक दूर रहे हैं। भारत के पास सुरक्षा और आर्थिक प्रगति के बीच विकल्प का सवाल नहीं है। किसी भी सरकार या देश के लोगों के लिए देश की सुरक्षा करना हमेशा प्राथमिकता है। भारत के पास काफी कठिन पड़ोसी हैं, चीन व पाकिस्तान। पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का समर्थन करता है। पाकिस्तान बहुत ही कट्टर धार्मिकता को बढ़ावा देता है, यह उनका इतिहास रहा है जो हम पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल करता है।

    भारत आर्थिक विकास को नजरअंदाज नहीं कर रहा

    आपरेशन सिंदूर के बाद यह विदेश मंत्री जयशंकर का पहला मीडिया को साक्षात्कार है। लेकिन इसके साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपने आर्थिक विकास को नजरअंदाज नहीं कर रहा।

    जयशंकर ने आगे कहा कि, “आर्थिक प्रगति किसी भी देश के आधारभूत तत्वों पर निर्भर करता है। यहां भारत सही स्थिति में है। हम लगातार 6-8 फीसद की आर्थिक विकास दर हासिल करने की स्थिति में है। भारत की जनसंख्या की स्थिति बहुत ही अच्छी है। हम चार ट्रिलियन डॉलर की इकोनमी बनने जा रहे हैं। हमारे ढांचागत क्षेत्र की स्थिति काफी अच्छी है। मैन्यूफैक्चरिंग की स्थिति बहुत मजबूत हो रही है। भारत के पास मजबूत इकोनमी है। हमारे पास क्षमता है कि हम कई आर्थिक साझेदारों को आकर्षित कर रहे हैं।”

    PoK पर ही होगी बात

    इस बीच  पाकिस्तान से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि “पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध काफी लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। आजादी के तुरंत बाद ही पाकिस्तान भारत में अपनी फौज भेजी थी और पहले कहा था कि यह उनके आदमी नहीं हैं, बाद में वह पाकिस्तानी सेना के लोग ही निकले।

    जयशंकर ने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ आतंकवाद पर गंभीर तौर पर बात करके इसे खत्म करना चाहते हैं। जहां तक कश्मीर की बात है तो यह भारत का हिस्सा है। कोई भी देश अपने हिस्से को लेकर दूसरे देश से बात नहीं करता। लेकिन कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास अनाधिकृत तौर पर है।

    हम इस पर पाकिस्तान से बात कर सकते हैं।” इस पर पत्रकार ने पूछा कि क्या इसमें राष्ट्रपति ट्रंप इसमें एक अहम भूमिका निभा सकते हैं तो जयशंकर ने उनकी बात को काटते हुए कहा कि, “यह मुद्दा भी भारत व पाकिस्तान के बीच का है।”