'आतंकवाद से अपने नागरिकों की रक्षा करते रहेंगे', शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में बोले जयशंकर
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस की नीति का समर्थन करता है। उन्होंने एससीओ में सुधार और अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा बनाने की भी बात कही। रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा पर भी चर्चा हुई।

आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दो टूक रखते हुए कहा कि, “आतंकवाद के खिलाफ भारत के पास अपने नागरिकों की सुरक्षा करने का अधिकार है, ऐसा हमने करके दिखाया है और आगे भी करेंगे।''
जयशंकर ने एससीओ से भी आग्रह किया कि वह आतंकवाद को लेकर जीरो टोलेरेंस की नीति अपनाये। एससीओ की अध्यक्षता इस साल रूस कर रहा है। नये अध्यक्ष की अगुवाई में एससीओ के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक थी सदस्य देशों के बीच सहयोग के एजेंडे पर विमर्श हुआ है।
आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख
जयशंकर ने चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, भारत समेत दस सदस्यीय इस संगठन में सुधार करने और इसे अत्याधुनिक बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि, भारत एससीओ में सुधार केंद्रित एजेंडे के समर्थन में है।
संगठित तौर पर होने वाले अपराध, मादक द्रव्यों के कारोबार और साइबर सिक्योरिटी को रोकने के लिए इस संगठन की तरफ से उठाए जाने वाले कदमों का हम स्वागत करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने एससीओ की भाषा अंग्रेजी करने के बारे में प्राथमिकता से कदम उठाने की अपील की। अभी एससीओ की आधिकारिक भाषा चीनी और रूसी है।
एससीओ से जीरो टोलेरेंस का आग्रह
अपने भाषण के अंत में भारतीय विदेश मंत्री ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि, “हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि एससीओ की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की तीन बुराइयों से निपटने के लिए की गई थी। बीते वर्षों में इसके खतरे और भी गंभीर हो गए हैं।
यह जरूरी है कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के जीरो-टोलेरेंस (शून्य सहिष्णुता) दिखाए। इसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता, ना ही इसकी अनदेखी की जा सकती है और ना ही इस पर लीपापोती हो सकती है। जैसा कि भारत ने प्रदर्शित किया है, हमें आतंकवाद के विरुद्ध अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है और हम इसका प्रयोग आगे भी करेंगे।''
पुतिन की भारत यात्रा पर चर्चा
जयशंकर ने जिस तरह से पाकिस्तान के विदेश मंत्री के समक्ष ही आतंकवाद का मुद्दा मुखर तौर पर उठाया है वैसा ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने सितंबर, 2025 में चीन के शहर तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में आतंकवाद पर करारा हमला किया था। तब पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ सामने थे।
जयशंकर सोमवार को मास्को एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए गए हैं। उनकी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात भी हुई है। जयशंकर ने बताया है कि जल्द ही रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आने वाले हैं, जिसके एजेंडे के बारे में लावरोव से विमर्श हुआ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।