'भारत-रूस संबंध सबसे स्थिर, किसी देश के पास इन पर वीटो का अधिकार नहीं', जयशंकर की दो टूक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत के द्विपक्षीय संबंधों को कोई भी बाहरी शक्ति प्रभावित नहीं कर सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी देश को भारत क ...और पढ़ें
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विदेश मंत्री एस जयशंकर। (एएनआइ)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि कोई भी बाहरी शक्ति हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित या निर्देशित नहीं कर सकती है। एक निजी समाचार पत्र के कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने रूसी राष्ट्रपति की हालिया यात्रा के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में संभावित जटिलताओं के बारे में चिंताओं को सीधा संबोधित किया।
रूस के साथ भारत के संबंधों पर पड़ रहे भू-राजनैतिक दवाबों पर जयशंकर से स्पष्ट रूप से कहा, "किसी भी देश के लिए दूसरे देश के साथ भारत से संबंधों पर वीटो लगाना अनुचित है।"
जब, जयशंकर से पूछा गया कि क्या पुतिन की हालिया यात्रा भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते पर असर डालेगी? तो जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लिए यह कि उसे दूसरों के साथ अपने संबंध विकसित करने में वीटो या अपनी बात कहने का अधिकार हो, यह उचित प्रस्ताव नहीं है। क्योंकि याद रखें दूसरे भी यही उम्मीद रख सकते हैं। हमने कई बार स्पष्ट किया है कि हमें चुनाव करने की आजादी है।
भारत की विदेश नीति स्व-निर्देशित- जयशंकर
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि विश्व में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक देशों के साथ सहयोग बनाए रखना तथा विकल्प की स्वतंत्रता प्राप्त करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "भारत की विदेश नीति स्व-निर्देशित है, भारत को अपने हित में खड़ा होना चाहिए, कूटनीति किसी और को खुश करने के बारे में नहीं है।"
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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