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    टैरिफ लागू होने से जयपुर के आभूषण निर्यात पर रोक, अमेरिका में धूल फांक रहे गहने; क्रिसमस पर आने वाले ऑर्डर ठप

    अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद चिंता है कि जयपुर का फलता-फूलता आभूषण उद्योग अपनी चमक खो सकता है। जेम पैलेस के मालिक सुधीर कासलीवाल ने कहा कि अमेरिका को हमारे निर्यात ऑर्डर पूरी तरह से ठप हैं। वास्तव में खरीदार और ऑर्डर देने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्टोर पर आने वाले विदेशी पर्यटकों में से 70 प्रतिशत अमेरिकी हैं।

    By Digital Desk Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:56 AM (IST)
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    टैरिफ लागू होने के बाद जयपुर के आभूषण बाजार में बेहद चिंता की लहर (सांकेतिक तस्वीर)

     डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बुधवार को 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद जयपुर के आभूषण बाजार में बेहद चिंता की लहर है। जिन गलियों में आभूषणों की खनक सुनाई देती थी, आज वहां खामोशी का दौर है। रत्न और आभूषण पर्यटन के साथ-साथ जयपुर की अर्थव्यवस्था की आधारशिला हैं। आभूषण शहर के लिए विदेशी मुद्रा कमाने का सबसे बड़ा स्रोत है, लेकिन अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने के साथ, चिंता है कि यह फलता-फूलता उद्योग अपनी चमक खो सकता है।

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    जयपुर के जौहरी बाजार चिंता में

    प्रसिद्ध जौहरी बाजार या आभूषण कारीगरों के बाजार से लेकर, जहां पारंपरिक जौहरी सबसे उत्तम आभूषण, मीनाकारी से सजे कुंदन पोल्की सेट बनाते हैं, गोपाल जी का रास्ता की संकरी घुमावदार गली तक, जहां व्यापारी मोती, गहने, रंगीन रत्न और कीमती पत्थर बेचते हैं, पूरा इलाका चिंता में डूबा हुआ है कि आगे क्या होगा।

    जेम पैलेस के मालिक ने जताई चिंता

    जेम पैलेस के मालिक सुधीर कासलीवाल का परिवार पीढ़ियों से जयपुर के शाही परिवार के निजी जौहरी रहे हैं। जयपुर की प्रसिद्ध राजमाता गायत्री देवी उनकी शाही संरक्षक थीं और वर्षों से जेम पैलेस ने अपनी कालातीत शिल्पकला और विरासती आभूषणों के लिए एक प्रतिष्ठा अर्जित की है।

    ओपरा विन्फ्रे से लेकर अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला जैकलीन कैनेडी ओनासिस तक, अंतरराष्ट्रीय हस्तियां जेम पैलेस के इस स्टूडियो का दौरा कर चुकी हैं। लेकिन अमेरिकी टैरिफ इन जैसे पारंपरिक व्यवसायों को प्रभावित कर सकते हैं।

    हमारे निर्यात ऑर्डर पूरी तरह से ठप हैं- जेम पैलेस के मालिक सुधीर

    जेम पैलेस के मालिक सुधीर कासलीवाल ने कहा कि अमेरिका को हमारे निर्यात ऑर्डर पूरी तरह से ठप हैं। वास्तव में, खरीदार और ऑर्डर देने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्टोर पर आने वाले विदेशी पर्यटकों में से 70 प्रतिशत अमेरिकी हैं और टैरिफ का जयपुर में हमारी बिक्री पर भी निश्चित रूप से असर पड़ेगा।

    आगे बोले कि अमेरिकी पर्यटक खरीदारी नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें भारत में खरीदे गए आभूषणों को घर ले जाने पर भारी शुल्क देना होगा।

    जयपुर के व्यापारियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार

    राजस्थान से रत्न और आभूषणों का कुल निर्यात लगभग 18,000 करोड़ रुपये का है। जयपुर के व्यापारियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। जयपुर हर साल अमेरिका को लगभग 3,200 करोड़ रुपये मूल्य के तैयार आभूषण और रंगीन रत्न निर्यात करता है।

    क्रिसमस के ऑर्डर नहीं आ रहे- जयपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष

    जयपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और एक प्रमुख निर्यातक आलोक सोंखिया ने कहा कि इस समय तक हमें क्रिसमस के ऑर्डर मिलने शुरू हो जाते, लेकिन एक भी ऑर्डर नहीं आ रहा है। दरअसल, कुछ निर्यातकों ने कहा है कि उनकी खेप अमेरिका पहुंच गई है, लेकिन ग्राहक उसे उठा नहीं रहे हैं। आने वाले महीनों में आभूषण व्यवसाय पर इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा।

    पन्ना, तंजानाइट, रूबीलाइट निर्यात किए जाने वाले कुछ पसंदीदा रत्न

    रंगीन रत्नों की कटाई और पॉलिशिंग भी जयपुर से निर्यात व्यापार का एक महत्वपूर्ण घटक है। पन्ना, तंजानाइट, रूबीलाइट, मॉर्गनाइट और एक्वामरीन जैसे रंगीन रत्न राजस्थान से काटे, पॉलिश किए और निर्यात किए जाने वाले कुछ पसंदीदा रत्न हैं और इनका उपयोग तैयार आभूषणों में किया जाता है।

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