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    चीन के बाद अमेरिका ने भी माना आसमान से ऊंची हो गई है मोदी की लोकप्रियता

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Thu, 28 Dec 2017 04:54 PM (IST)

    चीनी सरकार के नियंत्रण वाली समाचार एजेंसी शिन्हुआ के बाद अब वाशिंगटन पोस्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।

    चीन के बाद अमेरिका ने भी माना आसमान से ऊंची हो गई है मोदी की लोकप्रियता

    नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । कहा जाता है कि कामायाबी या नाकामी का पैमाना आपका धुर विरोधी तय करता है। अगर आप का विरोधी तारीफ करे तो निश्चित तौर पर आप अपने काम में कामयाब है। इतनी बड़ी भूमिका के बाद अब ये बताना लाजिमी है कि हम किसकी बात कर रहे हैं। चलिए,सस्पेंस को दूर करते हैं, जी हां बात भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन की हो रही है। सरकारी नियंत्रण वाली चीनी मीडिया शिन्हुआ ने पीएम मोदी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। लेख में कहा गया है कि एक शख्स न केवल चीन के लिए चुनौती बना हुआ है, बल्कि वो अपने साहसिक फैसले के जरिए अपने देश में लोकप्रियता के शिखर पर है। 

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    चीनी मीडिया ने की पीएम मोदी की तारीफ 
    शिन्हुआ ने Modi wave works magic for India’s ruling BJP in 2017’ में लिखा है कि एक शख्स भारत की गद्दी पर साल 2014 में बैठता है और तमाम नकारात्मक माहौल के बीच उसकी लोकप्रियता बरकरार है। साल 2017 का खास जिक्र करते हुए शिन्हुआ का कहना है जब सरकारों के खिलाफ आम लोगों में धारणा बनने लगती है उन परिस्थितियों में भी सात राज्यों में 6-1 की जीत अपने आप में बहुत कुछ कहती है। भाजपा को नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसा हथियार मिला है जिसकी काट मौजूदा समय में भारत में किसी भी दल के पास नहीं है। पीएम मोदी की छवि साहसिक और नीतिगत फैसला लेने वाले नेता की बनी है। शिन्हुआ के मुताबिक आने वाले समय में मोदी को चुनौती देने वाला कोई भी नेता नजर नहीं आ रहा है।


    यूं ही नहीं कामयाब हैं पीएम मोदी

    2017 में जिन राज्यों में भी चुनाव हुए वहां मोदी भाजपा के स्टॉर प्रचारक रहे। मोदी की वाकशैली कुछ इस तरह की है लोग खुद ब खुद खींचे चले आते हैं। इससे भी बड़ी बात ये है कि उनकी बातों को लोग ध्यान से सुनते हैं और मतदान केंद्रों पर जाकर मत में परिवर्तित कर देते हैं। इससे साफ है कि मोदी लहर' जल्दर खत्म होने नहीं जा रही है। उत्त्र प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव का खास जिक्र करते हुए शिन्हुआ ने लिखा है कि मोदी जनता को अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 को लिए गए नोटबंदी के फैसले के कुछ ही महीनों बाद हुए इस चुनाव को विरोधी दल एक परीक्षा की तरह मान रहे थे जिसमें उन्हें शत प्रतिशत कामयाबी मिली।


    'अमित शाह ने संगठन को मजबूत बनाया'

    पीएम मोदी की तारीफ के साथ साथ भाजपा अध्य क्ष अमित शाह की भी तारीफ की गई है। शिन्हुआ का मानना है कि उन्होंने संगठन स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मोदी स्वभाविक तौर पर जीत के लिए पहला पिलर हैं, लेकिन संगठन स्तर पर पार्टी अध्यक्ष शाह की अहम भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता। उन्होंने पार्टी को संगठन स्तर पर मजबूत करने के लिए सिर्फ उत्तर प्रदेश में 18 लाख से ज्यादा लोगों को प्राथमिक सदस्य के तौर पर जोड़ा।

    वाशिंगटन पोस्ट ने की तारीफ

    अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे कठोर फैसलों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता आसमान से भी ऊंची हो गई है। भारत के सवा सौ करोड़ लोग इस बात से खुश हैं कि प्रधानमंत्री मोदी वर्षों की नीतिगत जड़ता को तोड़कर देश के विकास के लिए कुछ कर रहे हैं। इतना ही नहीं दीर्घकालिक लाभ के लिए वह अल्पकालिक नुकसान का सामना करने को भी तैयार हैं। भारत की वास्तविक आर्थिक क्षमता को उजागर करने के लिए उन्होंने महत्वाकांक्षी सुधारों के जरिए कुछ कठोर फैसले लिए हैं। पीएम मोदी लोकप्रिय बने हुए हैं और वह उभरते विश्व के पर्सन ऑफ द ईयर हो सकते हैं। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि वाशिंगटन पोस्ट के इस निष्कर्ष के पीछे क्या वजह है। 

    डोकलाम पर दुनिया ने देखा भारत का सामर्थ्य

    अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक-टैंक हडसन इंस्टिट्यूट के सेंटर ऑन चाइनीज स्ट्रैटजी के डायरेक्टर माइकल पिल्स्बरी का कहना है कि चीन की बढ़ती ताकत के समक्ष मोदी अकेले खड़े हैं। दरअसल ये टिप्पणी उन्होंने ‘वन बेल्ट, वन रोड’ परियोजना को ध्यान में रखते हुए कही । उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और उनकी टीम चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट के खिलाफ मुखर रही है। दरअसल अमेरिकी थिंक टैंक का मानना बिल्कुल सही है, क्योंकि भारत ने चीन को डोकलाम विवाद में भी अपनी दृढ़ता का परिचय करा दिया है और चीन को अपनी सेना को वापस बुलाने पर मजबूर होना पड़ा। चीन ने भारत को युद्ध की भी धमकी दी लेकिन पीएम मोदी की नीतियों से चीन अकेला हो गया और पश्चिमी देशों ने उसे संयम बरतने की सलाह दी। अमेरिका, फ्रांस, जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत के साथ खड़े रहे।
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