2019 में मोदी के मुकाबले कोई नहीं, नीतीश के बयान की पूरी पड़ताल
लोकसभा चुनाव में दो साल से भी कम का वक्त रह गया। लेकिन विपक्ष की शिथिलता को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषक मोदी सरकार की जीत तय मान रहे हैं।
नई दिल्ली, [राजेश कुमार]। लोकसभा चुनाव होने में अभी करीब डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त बचा हुआ है लेकिन विपक्षी दल अभी तक रणनीतिविहीन नजर आ रहे हैं। ये सवाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उठाते हुए कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुकाबला करने में कोई भी सक्षम नहीं है। नीतीश कुमार ने हाल में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बिहार की महागठबंधन सरकार से अलग होकर भाजपा के समर्थन से नई सरकार बनाई है। मोदी का विरोध करने, सफल होने, फिर उस सफलता में मुंह की खाने और आखिरकार मोदी से हाथ मिलाने का सबसे बड़ा गवाह अगर कोई है तो वह खुद नीतीश कुमार है।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के जिस करिश्मे की बात की है, उसमें वाकई कितना दम है या फिर उन्होंने महज भारतीय जनता पार्टी के सम्मान में ये बातें कही है? राजनीतिक जानकारों की मानें तो नीतीश ने भले ही अपना सहयोगी बदलने की वजह से यह बातें कही हो, लेकिन उनकी बातों में दम नजर आता है।
नीतीश कुमार ने क्या कहा
नीतीश कुमार ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले कोई नहीं है। मोदी फिर चुनाव जीतेंगे। भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने साफ कहा कि अगली बार भी केंद्र की सत्ता पर एनडीए के सिवाय कोई दूसरा काबिज नहीं हो सकता। बिहार के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बहुत जल्द जेडीयू राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए का हिस्सा हो जाएगा। नीतीश ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी तीखा व्यंग्य किया।
नीतीश कुमार से पूछा गया कि राहुल ने कहा था कि उनके भाजपा में जाने के फैसले का अहसास उन्हें तीन माह पहले से था? इस बात पर उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि राहुल गांधी को भी अहसास होने लगा है। नीतीश ने कहा कि जब हम हाल ही में उनसे मिले थे, तब तो उन्हें अहसास नहीं हो रहा था। जब उन्हें मालूम ही था तो हमें पहले ही कह देते। कांग्रेस के साथ संकट यह था कि हम उन्हें मदद करना चाहते थे, पर मेरी भूमिका उन्हें पसंद ही नहीं थी। हम सहयोगी हो सकते हैं, पर फॉलोअर नहीं।
नीतीश के मोदी पर बयान के मायने
दअअसल, राजनीतिक जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार ने जो कुछ भी कहा है उनकी बातों में इस लिहाज से दम है क्योंकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आज कोई भी शख्स मोदी की लोकप्रियता के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता है। राजनीतिक जानकार शिवाजी सरकार ने Jagran.com से खास बातचीत में बताया कि नीतीश ने जो बातें कही हैं वह व्यक्तिगत राजनीति पर आधारित हैं। उन्होंने बताया कि आज विपक्ष के राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की स्थिति ठीक नहीं है और न ही विपक्ष की कोई खास रणनीति है। ऐसे में पीएम मोदी हर लिहाज से सभी के ऊपर भारी पड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
क्या बीजपी को वॉक ओवर देने की है तैयारी
मोदी के मुकाबले का सवाल नीतीश कुमार ने इसलिए उठाया है क्योंकि, अगले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की कोई रणनीति नहीं दिख रही है। शिवाजी सरकार का कहना है कि विपक्षी दलों ने कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया है, जिससे ऐसा लगे कि भविष्य में कुछ उभरकर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह की स्थिति बनी है अगर यही आगे भी रही तो एक तरह से भारतीय जनता पार्टी को वॉक ऑवर देने की तैयारी इसे कहा जा सकता है।
देश पर छाया मोदी का जादू
हाल में भारतीय जनता पार्टी को दो राज्य उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बहुमत मिला और पार्टी को पूरे देश में पहली बार अपने आपको इतने बड़े फैलाव का मौका मिला। गोवा और मणिपुर में भी भाजपा बहुमत में कुछ कमी के बावजूद सरकार बनाने में कामयाब रही। ऐसे में अगर देश के मानचित्र को देखें तो अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, बिहार, आन्ध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भाजपा या भाजपा के समर्थन से बनी सरकार है।
क्या दरक गई विपक्षी एकता
नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने के बाद राजनीतिक जानकार लगातार इस बात की ओर संकेत दे रहे हैं कि जो नीतीश विपक्षी एकता की बात कर रहे थे और मोदी के खिलाफ एक बड़ा सेक्युलर चेहरा हो सकते थे उनके महागठबंधन छोड़ने के बाद विपक्ष की एकता को गहरा झटका लगा है। ऐसे में लोकप्रियता की बात करें तो ऐसा कोई चेहरा व्यक्तिगत तौर पर नहीं है जो मोदी का मुकाबला कर सके।
सर्वे में बरकरार है मोदी का जादू
एक अखबार की तरफ से मोदी सरकार के तीन साल होने पर कराए गए सर्वे में जनता ने सरकार के कामकाज पर संतुष्ट होकर अपनी मुहर लगाई। टाइम्स ऑफ इंडिया के इस सर्वे में दस लाख लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें ये बताया गया कि 2014 की तुलना में मोदी की लोकप्रियता का जादू और बढ़ गया है। इस सर्वे में करीब 64 फीसद लोगों ने सरकार के काम पर अपना समर्थन दिया। इस आधार पर सर्वे में यह दावा किया गया कि यदि अब चुनाव हो तो एनडीए गठबंधन 2014 की जीत को दोहराएगा या उससे भी अच्छे परिणाम निकलकर सामने आएंगे। जनता ने मोदी के जिन कामों को सराहा उनमें नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक, स्वच्छ भारत योजना जैसे सरकार के काम शामिल हैं।
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