SCO के मंच से पीएम मोदी की स्पीच के दौरान देखने लायक था नवाज शरीफ का चेहरा
एससीओ के मंच पर जब पीएम मोदी अपनी स्पीच दे रहे थे तो नवाज शरीफ का चेहरा देखने लायक था। मोदी के निशाने पर भी कहीं न कहीं पाक ही था।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। शंघाई कॉपरेशन समिट के दौरान भारत और पाकिस्तान को इसका स्थाई सदस्य घोषित कर दिया गया। भारत को करीब 12 वर्षों के बाद इसमें एंट्री मिली है। यह मौका बेहद खास था। खास महज इसलिए ही नहीं कि इसमें भारत को इतने वर्षों के बाद एंट्री मिली, बल्कि खास इसलिए है क्योंकि भारत और पाकिस्तान एक ही मंच पर आमने-सामने थे। अस्ताना में हुए वार्षिक सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी मौजूद थे। इसमें भाषण देते हुए मोदी ने एक साथ इन दोनों देशों को निशाने पर लिया।
चीन और पाकिस्तान को दिया सीधा संदेश
हिंदी में दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि भारत चीन की अगुआई वाले इस संगठन का सदस्य बन रहा है, लेकिन संप्रभुता और आतंकवाद के मुद्दे पर वह अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। चीन की तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपसी संपर्क बढ़ाना जरूरी है। यह व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए सबसे अहम तत्व है। लेकिन, इसके साथ हर देश की संप्रभुता का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। नवाज शरीफ की मौजूदगी में उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज सबसे बड़ी चुनौती है। मुझे पूरा भरोसा है कि भारत और एससीओ का सहयोग आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत व ताकत से आगे बढ़ाएगा।
नहीं उठा सकते द्विपक्षीय मुद्दे
इस मंच पर द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकती, यह बात भारत बेहद अच्छी तरह से जानता है। भारत इसमें इसकी शुरुआत से ही ऑब्जरवर की भूमिका निभाता रहा है। लेकिन इन सभी से अलग खास बात यह थी कि भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ठीक सामने बैठे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक बार फिर से सभी के सामने शर्मिंदा होने पर मजबूर कर दिया।
नवाज का चेहरा था देखने लायक
पीएम मोदी द्वारा दी गई स्पीच के दौरान पाकिस्तान पीएम नवाज शरीफ का चेहरा देखने लायक था। पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में इस दौरान बिना पाकिस्तान का नाम लिए साफ कर दिया कि कुछ देश आतंकियों की पनाहगाह बने हुए हैं, इनको खत्म करने की बेहद जरूरत है। पीएम मोदी के स्पीच देने के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब नवाज शरीफ का सिर झुक गया था और वह नजरें नहीं उठा पाए। इसके अलावा स्पीच के दौरान पीएम नवाज शरीफ के पीछे बैठे फौज के आला-अफसर ने उनके कानों में कुछ बुदबुदाया, जिसके जवाब में शरीफ ने बड़ी शराफत के साथ सिर हिला दिया। यह नजारा वहां मौजूद सभी राष्ट्र प्रमुखों ने अपनी आंखों से देखा और मीडिया में भी इसको खूब दिखाया गया।
मोदी की स्पीच से बैकफुट पर नवाज
पीएम मोदी की स्पीच से बैकफुट पर आए नवाज शरीफ अपनी बारी में कुछ खास नहीं कह पाए। उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान भारत को एससीओ की सदस्यता मिलने पर बधाई दी और कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान हमेशा से ही अन्य देशों का साथ देने के समर्थन में रहा है। एससीओ के मंच पर पाकिस्तान के बदले सुर उसकी मजबूरी को बयां करने के लिए काफी हैं। यदि यहां पर द्विपक्षीय मामलों को उठाना प्रतिबंधित नहीं होता तो पाकिस्तान यहां पर भी कश्मीर राग अलापना नहीं भूलता।
नवाज-मोदी की हुई अनौपचारिक मुलाकात
एससीओ में पीएम मोदी और नवाज की एक शिष्टाचार लेकिन अनौपचारिक मुलाकात भी हुई थी। जिसके बाद जानकारी दी गई थी कि इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की कुशलता के बारे में जानकारी भी ली। इस मुलाकात में इससे अधिक कुछ नहीं हुआ। हालांकि इस यात्रा से पहले ही भारत सरकार की तरफ से यह बात साफ कर दी गई थी कि पीएम मोदी की नवाज शरीफ से न कोई बात होगी न ही कोई मुलाकात होगी। लिहाजा हुआ भी यही।
यह भी पढ़ें: SCO में बदले पाकिस्तान के सुर, इस मंच से भारत देगा करारा जवाब
भारत पाक की सदस्यता के दस्तावेजों पर छह देशों ने किए साइन
रूस, चीन, किरगिस्तान, कजाखिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान के शीर्ष नेताओं ने भारत व पाक को पूर्ण सदस्य बनाने संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। बाद में सभी सदस्य देशों ने दो अहम दस्तावेजों पर भी अपनी सहमति दी। इसमें एक कट्टरपंथ के खिलाफ सामूहिक प्रयास करने से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त तौर पर अभियान चलाने से संबंधित है।
फायदेमंद साबित होगा एससीओ
पूर्व राजनयिक एनएन झा मानते हैं कि भारत के लिए यह मंच काफी फायदेमंद साबित होगा। उनके मुताबिक इस मंच के जरिए भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने संबंध बेहतर करने के साथ-साथ सदस्य देशों के साथ व्यापार को भी बढ़ा सकेगा। इस मंच के जरिए पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ कहा कि यह मंच द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने का नहीं है। इसके अलावा पाकिस्तान द्वारा चलाई जा रही आतंकी गतिविधियां भारत में अधिक हैं इन देशों में नहीं। लिहाजा फिलहाल ऐसा होने की संभावना निकट भविष्य में कम ही है।
यह भी पढ़ें: ...तो बलूचिस्तान के हाईजैक को लेकर चीन का है ये मास्टर प्लान
यह भी पढ़ें: अमेरिका को अब उसी की भाषा में जवाब देगा भारत, हो रही तैयारी
यह भी पढ़ें: चीन की बढ़ती समुद्री ताकत से अब अमेरिका को भी होने लगी है चिंता
यह भी पढ़ें: जिबुति में चीन का नया मिलिट्री बेस बना भारत और अमेरिका के लिए खतरा !
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।