दुनिया के कई देशों में पहले से ही लागू है GST, लेकिन भारत में है सबसे अधिक
भारत में कई देशों की तुलना में कहीं अधिक जीएसटी ग्राहकों को देना होगा। लेकिन इसके लागू होने के बाद कई तरह के कर खत्म भी हो गए हैं। ...और पढ़ें

नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। जीएसटी के रूप में 'एक देश एक कर' का सिद्धांत आखिरकार 1 जुलाई से लागू हो गया। इसको लेकर कुछ दल जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी, नाराज दिखाई दिए और उन्होंने इस मौके पर होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करने से इंकार कर दिया। इसके पीछे उन्होंने देश की आजादी और स्वतंत्रता सैनानियों के साथ अन्याय करने तक की बातें भी कहीं। बहरहाल, अब जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों में यह लागू हो गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत समेत लगभग सौ देशों में जीएसटी लागू है। यूरोपियन यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और चीन जैसे देशों में यह काफी समय से लागू है। हालांकि कुछ देशों में इसके लागू करने के कुछ समय बाद तक महंगाई की समस्या से दो-चार जरूर होना पड़ा था। इस तरह की आशंका भारत में भी जताई जा रही है कि इससे कुछ महंगाई जरूर बढ़ेगी, लेकिन यह कुछ समय के लिए होगी।
कई देशों की तुलना में देना होगा अधिक जीएसटी
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत में जीएसटी की दरें कई देशों के मुकाबले काफी अधिक हैं। कनाडा समेत कुछ अन्य देशों में इसकी दरें काफी कम हैं। यही वजह है कि 1 जुलाई से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद हमें दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा टैक्स देने पड़ेंगे। भारत में जीएसटी काउंसिल ने पांच दरें तय की हैं जो कि 0 से लेकर के 28 फीसद तक हैं। इसमें 28 फीसद की दर सबसे ज्यादा है। खास बात यह है भारत पूरे विश्व में एकमात्र ऐसा देश है, जिसने जीएसटी में कई सारे स्लैब रखे हैं। अन्य देशों में ज्यादातर गुड्स एंड सर्विसेज पर एक टैक्स वसूला जाता है।

जीएसटी के लिए हैं पांच स्लैब
भारत में टैक्स की दरें 0, 5, 12,18 और 28 फीसदी तय की गई हैं। 0-5 फीसद में उन जरूरी चीजों को रखा गया है, जिनका सीधा ताल्लुक गरीबों से हैं। भारत ने कनाडा में लागू जीएसटी को अपना रोल मॉडल बनाकर के टैक्स लागू किया है, जिसका टैक्स रेट सबसे कम है। विश्व के कई देश जैसे कि ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, कनाडा, जॉर्डन, मोरक्को, न्यूजीलैंड, सिंगापुर आदि में भी वस्तुओं पर जीएसटी वसूला जाता है, लेकिन यह दर भारत के मुकाबले काफी कम है। कई देशों में यह 5 से लेकर 20 फीसदी के बीच है।
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किस देश में कितनी हैं जीएसटी की दरें
| देश | टैक्स दर (फीसदी में) |
| ऑस्ट्रेलिया | 10 |
| ऑस्ट्रिया | 20 |
| बेल्जियम | 21 |
| कनाडा | 05 |
| डेनमार्क | 25 |
| फ्रांस | 20 |
| जर्मनी | 19 |
| हंगरी | 27 |
| इंडोनेशिया | 10 |
| इजरायल | 17 |
| इटली | 22 |
| केन्या | 16 |
| मलेशिया | 06 |
| मॉरिशस | 15 |
| मेक्सिको | 16 |
GST लागू होने के बाद अब वस्तुओं एवं सेवाओं पर देने होंगे तीन तरह के कर
| पहला | सीजीएसटी यानि सेंट्रल जीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) | केंद्र सरकार वसूलेगी |
| दूसरा | एसजीएसटी स्टेट जीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) | राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी |
| तीसरा | आईजीएसटी इंटीग्रेटेड जीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) | दो राज्यों के बीच होने वाला कारोबार |
| जीएसटी लागू होने के बाद नहीं देने होंगे ये कर |
| सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (केंद्रीय उत्पाद शुल्क) |
| एक्साइज ड्यूटी (medicinal and toilet preparation) |
| एडिशनल ड्यूटीज ऑफ एक्साइज (टैक्सटाइल और टैक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर) |
| एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी) |
| स्पेशल एडिशन ड्यूटी ऑफ कस्टम (एसएडी) |
| सर्विस टैक्स (सेवा कर) |
| वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित सेस और सरचार्ज |
| स्टेट वैट |
| सेंट्रल सेल्स टैक्स |
| पर्चेज टैक्स |
| लग्जरी टैक्स |
| एंट्री टैक्स (ऑल फॉर्म) |
| एंटरटेनमेंट टैक्स (स्थानीय निकायों की ओर से नहीं लगाए गए) |
| विज्ञापन पर टैक्स |
| लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए पर कर |
| स्टेट सेस और सरचार्ज |
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