सुधार से ही चमकेगी भारत की तस्वीर, आंकड़े भी कुछ ऐसा ही करते हैं इशारा
नए साल की शुरुआत हो चुकी है। इसके आगाज का सबसे अच्छा तरीका है कि बीते वर्ष की घटनाओं का जायजा लिया जाए। ...और पढ़ें

नई दिल्ली [अनंत मित्तल] । भारतीय अर्थव्यवस्था को बीते साल 2017 में जहां विमुद्रीकरण और जीएसटी लागू होने से जोरदार झटका लगा वहीं दूरगामी आर्थिक सुधारों की नींव भी पड़ी है। नोटबंदी को काले धन पर सबसे बड़ी चोट बताया जा रहा है और जीएसटी से देश के बाजारों के एकीकरण के साथ ही जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इनके अलावा सुधारों में बैंकों के करीब 7.5 लाख करोड़ मूल्य के फंसे कर्ज की वसूली संबंधी ठोस उपाय, कारोबार करने की सुगमता, दिवालियापन संबंधी कानून में संशोधन और उपभोक्ता संरक्षण संबंधी अनेक उपाय भी शामिल हैं।
सुधार के रास्ते पर भारतीय अर्थव्यवस्था
साल 2017 की पहली तिमाही यानी एक अप्रैल से 30 जून के बीच जीडीपी की सबसे निचली 5.7 फीसद वृद्धि दर भी दर्ज हुई हालांकि दूसरी ही तिमाही में यह वापस सुधर कर 6.3 फीसद पर पहुंच गई। वृद्धि दर में गिरावट का कारण भारतीय रिजर्व बैंक ने विमुद्रीकरण और जीएसटी की आहट के कारण विनिर्माण क्षेत्र में आया ठहराव बताया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी के अनुसार बेरोजगारी की ताजा दर बढ़ कर पांच फीसद से अधिक हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू माली साल में वृद्धि दर का अपना अनुमान 7.2 फीसद से घटाकर 6.7 फीसद कर दिया है।
व्यापार और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम दर्जे के उद्यमों को खस्ता हालत से उबारने तथा निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने ठोस उपाय किए हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद को आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन, असंगठित क्षेत्र, राजकोषीय फ्रेमवर्क, मौद्रिक नीति, सार्वजनिक व्यय, कृषि और पशुपालन, उपभोग, व्यय और सामाजिक क्षेत्र सहित 10 विषयों पर अगले मार्च तक प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने किसानों का कर्ज माफ करने के उपाय किए हैं।
रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड
इसी दौरान लखनऊ, हैदराबाद और कोची में मेट्रो ट्रेन चालू हुई है। साथ ही दिल्ली-नोएडा केबीच नई मजंटा लाइन का भी उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को किया है। इंडियापोस्ट एंड पेमेंट बैंक को अगले साल एक अप्रैल से चालू करने की घोषणा की गई है। इसरो ने दोबार में विभिन्न देशों के एक साथ 104 और फिर 31 उपग्रह एक ही रॉकेट से अंतरिक्ष मेंदागने का रिकॉर्ड बनाया है। इस तरह इसरोभी अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहा है। इसी साल आम बजट पेश करने की तारीखकेंद्र ने बदल कर एक फरवरी कर दी। साथ ही रेलवे बजट को भी आम बजट में ही मिला दिया। इसलिए केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश हुआ जिसमें रेल बजट भी शामिल था। इसी दौरान भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की पूर्णकालिक सदस्यता हासिल कर ली। विश्व व्यापार संगठन की बैठक में भारत की खाद्य सब्सिडी का मामला नहीं सुलट पाया। अमेरिका द्वारा भारत में खाद्य सब्सिडी पर एतराज जारी है, जबकि भारतीय वाणिज्य मंत्री सुरेशप्रभुका तर्क रहा कि हमारी गरीबी और विशालआबादी के कारण खाद्य सब्सिडी देना सरकार का कर्तव्य है। अत: संगठन को इसमें छूट देनी चाहिए, पर चर्चा बिना फैसले समाप्त हो गई।
बारिश अनियमित होने के कारण गुजरात सहित दर्जन भर राज्यों में बाढ़ से कृषि और जानमाल को नुकसान हुआ। सांख्यिकीय आंकड़े कृषि, वानिकी, मछली पालन आदि प्रत्यक्ष रोजगार वाले क्षेत्रों में मंदी ही झलक रहीहै। इनमें वृद्धि दर पहली तिमाही की 2.3 फीसद दर से भी घटकर दूसरी तिमाही में 1.7 फीसद ही रह गई। पिछले साल की दूसरी तिमाही में तोइन में 4.1 फीसद वृद्धि हुई थी। इसी का नतीजा है कि कृषि वर्ष 2017-18 के खरीफ मौसम में उत्पादन 2.8 प्रतिशत कम हो गया है जबकि बीते कृषि वर्ष के समान मौसम में इसमें 10.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। कृषि और संबद्ध क्षेत्र में 52.5 प्रतिशत योगदान पशुपालन, वानिकी और मत्स्यपालन का है जिसने दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। साल के शुरू में जहां कारखाना उत्पादन और खनन जैसे अर्थव्यवस्था के बुनियादी क्षेत्रों में गिरावट दर्ज हुई वहीं अगस्त महीने से इनमें सुधार नजर आया है। हालांकि उसके बाद सेवा क्षेत्र में गिरावट आई है।
साख में हुआ सुधार
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारी औकात बढ़ान वाली रेटिंग को सुधार कर स्थिर कर दिया। साथ ही विदेशी पूंजी निवेश के लिए हमें सुरक्षित देश भी घोषित कर दिया। इससे उम्मीद है कि रक्षाउत्पादन जैसे क्षेत्रों के लिए अब बड़ी विदेशी पूंजी भी बेझिझक आएगी। हालांकि एस एंड पी ग्लोबल ने हमारी सरकार पर कर्ज अधिक होने के कारण रेटिंग को नहीं बढ़ाया है। विनिर्माण क्षेत्र में धीरे-धीरे तेजी आ रही है। इसमें बिजली,पानी, गैस शामिल हैं। इनके साथ ही व्यापार एवं सेवा से जुड़े होटल,परिवहन और संचारक्षेत्र में भी तेजी आई है। इस दौरान बैंकों के डूबत खाते की रकम बढ़कर बैंकों द्वारा जारीकुल कर्ज की 12.6 फीसद हो गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डिफॉल्टरों से लोन वसूलनेको इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड बनाने और 12 बड़े डिफॉल्टरों से वसूली के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में मामले शुरू कराने कादावा है। इन 12 डिफॉल्टरों पर 1.75 लाख करोड़ बकाया हैं। केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र केबैंकों का पूंजी आधार 2.11 लाख रुपये बढ़ानेका निर्णय भी किया है।
निर्माण क्षेत्र में भी पिछले साल की दूसरी तिमाही में 4.3 फीसद वृद्धि के मुकाबले 2.6 फीसद तेजी ही आई है। हालांकि यह पहली तिमाही के दो फीसद बढ़ोतरी से तो अधिक ही है और इसमें तेजी आने का मतलब है कि रोजगार भी बढ़ेंगे। इसके बावजूद राजकोषीय घाटा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। अक्टूबर के आखिर तक ही साल के अनुमानित राजकोषीय घाटेमें से 96.1 फीसद घाटा दर्ज हो चुका जबकि अभी साल पूरा होने में पूरे तीन महीने बाकी हैं। हालांकि राजस्व की अधिकतर वसूली भी इसीदौरान होती है। साथ ही अभी सरकारी उद्यमों में विनिवेश भी बाकी है। साल के आखिर में आया यह अनुमान भी उत्साहवर्धक है कि अगले सालभारत, दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा। साथ ही डॉलर से आकलन के मामले में भारत अगले साल ब्रिटेन और फ्रांस को भी पछाड़ देगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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