जानें, विदेश जाते ही क्यों बदल जाते हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सुर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहरीन में कहा कि उनसे कुछ गलतियां हुई हैं। लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार आम लोगों की परेशानियों से मुंह मोड़ रही है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। प्रथम पीआइओ सांसदों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम रिफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म में विश्वास करते हैं। सबका साथ,सबका विकास ही हमारा लक्ष्य है। ये सरकार उन आदर्शों के साथ आगे बढ़ रही है जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स का हित शामिल है। न्यू इंडिया के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार देश और देश के बाहर सभी भारतीयों से सहयोग की अपेक्षा करती है। इससे ठीक एक दिन पहले बहरीन में प्रवासी भारतीयों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संबोधित किया था। बहरीन के मनामा में उन्होंने न केवल आत्मचिंतन किया बल्कि मोदी सरकार पर निशाना भी साधा। ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आत्मज्ञान विदेशी धरती पर ही क्यों होता है। क्या वो भारतीय जनमानस को अपने पाले में लाने के लिए पीएम मोदी की नकल कर रहे हैं। दरअसल इसके पीछे पुख्ता वजह भी है। पीएम मोदी अपने विदेश दौरों के समय प्रवासी भारतीयों से मिलना नहीं भुलते हैं। इसके साथ ही जब वो किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष से मिलते हैं तो भारत और उस खास देश से जुड़ी हुई चीजों को उपहार में देकर दोनों देशों के बीच रिश्ते को और पुख्ता बनाने की कोशिश करते हैं।
हां, मुझसे हुई हैं गलतियां
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना है कि उन्होंने पहले गलतियां की हैं, लेकिन अब देश को एक नई कांग्रेस देने का इरादा है। इसमें भारत के लिए एक परिकल्पना होगी तो उसे पूरा करने के लिए जज्बा और रोडमैप। गांधी सोमवार से यहां शुरू हुए ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीओपीआइओ) के तीन दिवसीय समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस समारोह में 50 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। उनका कहना था कि कांग्रेस में उनके जैसा युवा काम कर रहा है तो पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जैसा अनुभव मौजूद है।उन्होंने नोटबंदी पर पहले ही बता दिया था कि अर्थ व्यवस्था की गति दो फीसद तक कम हो जाएगी। राहुल का कहना था कि गुजरात भाजपा का मजबूत गढ़ है। हमने वहां मुद्दों पर चुनाव लड़ा।भाजपा किसी तरह से अपना किला बचाने में कामयाब तो हो गई,लेकिन कांग्रेस जनता के सामने मजबूती से खड़ी हो गई। राहुल का कहना था कि भाजपा को हराना मुश्किल नहीं है। वह मुद्दों पर आधारित चुनाव लड़ेंगे और संसद के आगामी सत्र में भाजपा को बाध्य करेंगे कि महिला आरक्षण बिल को संसद से पारित करा कानून बनाए।
जब राहुल ने कहा मौजूदा सरकार नाकाम
राहुल ने कहा कि देश में आज विचित्र स्थिति है। सरकार नौकरियों का सृजन करने में नाकाम रही है। लोगों में बेहद गुस्सा है। सरकार इससे बचने के लिए जातीय व धार्मिक उन्माद पैदा करवा रही है। देश में विघटन की स्थिति पैदा हो रही है। उनका विश्वास है कि आम चुनाव में कांग्रेस भाजपा को हराकर फिर नया भारत बनाएगी। गौरतलब है कि प्रवासी भारतीयों तक पहुंच बनाने के प्रयास के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को बहरीन पहुंचे हैं। खाड़ी के देशों में सबसे अधिक करीब 35 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं। दिसंबर में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि बहरीन पहुंचने पर राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत के लिए प्रशंसक और शुभचिंतक हवाई अड्डे पर उमड़े। गांधी की यह पहल बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों के बीच कांग्रेस को लोकप्रिय बनाने के कदम के रूप में देखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्रओं में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात करते हैं।
जानकार की राय
दैनिक जागरण से खास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार शिवाजी सरकार ने कहा कि अगर कोई राजनेता आत्मचिंतन करता है तो वो अच्छी बात है। लेकिन हकीकत में आत्मचिंतन का असर जमीन पर भी दिखाई देना चाहिए। कांग्रेस के नेताओं की सबसे बड़ी बात ये रही है कि वो अपने विरोधियों की खामी की बात तो करते हैं। लेकिन भारतीय जनांकाक्षाओं को पूरी करने में नाकाम रहे जिसका असर उनके सिकुड़ते आधार में भी दिखाई दे रहा है। आज बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है। लोग सकारात्मक उपायों पर भरोसा कर रहे हैं लिहाजा अतीत में आप से क्या कुछ गलतियां हुई उसे सार्वजनिक प्लेटफॉर्म से बोलने से बेहतर है कि जमीन पर उन खामियों को सुधारने की कोशिश की जाए।
इससे पहले सितंबर 2017 में अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय में तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी खामियों के बारे में गिनाया था और ये कहा कि 2014 के चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं में दंभ आ चुका था।
दंभ में चूर थी कांग्रेस
राहुल गांधी ने माना कि साल 2012 के आसपास कांग्रेस दंभ में चूर थी, इसलिए काफी नुकसान उठाना पड़ा। जिस कालखंड की वह बात कर रहे थे, उस दौरान सोनिया की पार्टी पर मजबूत पकड़ थी। हालांकि इसके बाद धीरे-धीरे राहुल गांधी का कद पार्टी में बढ़ा । उन्होने कहा था कि पार्टी के पुनर्निर्माण की जरूरत है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने गलतियां की थीं। 2012 में हमने जनता के साथ बातचीत करनी बंद कर दी थी। इसके बाद हमें पार्टी का पुनर्निर्माण करने की आवश्यीकता थी, हमें एक ऐसा विजन तैयार करने की जरूरत है जो हमें आगे बढ़ने में मदद करे। देखिए, भाजपा इस समय जो कुछ भी कर रही है, वो सब हम पहले ही कह चुके हैं, जैसे कि मनरेगा और जीएसटी।
...जब राहुल ने की थी पीएम की तारीफ
बर्कले में भाषण के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक चीज के लिए जमकर तारीफ भी की थी। राहुल ने कहा कि मोदी के पास कुछ स्किल्स हैं। वह काफी अच्छे वक्ता हैं, मुझसे काफी अच्छे। वह जानते हैं कि भीड़ में जो तीन-चार तरह के अलग-अलग समूह हैं उन तक संदेश को कैसे पहुंचाया जाए। इस वजह से उनका संदेश ज्यादा लोगों तक पहुंच पाता है। इसके बाद राहुल ने मोदी पर चुटकी भी ली। राहुल ने कहा मुझे लगता है कि मोदी अपने साथ काम करने वालों से बातचीत नहीं करते, सांसद और भाजपा के लोगों ने मुझे यह बताया।
नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की कमर टूटी
राहुल गांधी ने नोटबंदी के फैसले की जमकर निंदा की थी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी लागू करने के लिए चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर या संसद की राय भी नहीं ली गई। राहुल ने बताया कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी में 2 फीसद की गिरावट आई। भारत में नई नौकरियां बिलकुल पैदा नहीं हो रही हैं। वहीं आर्थिक विकास की रफ्तार भी नहीं बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था को लेकर किए गए कुछ गलत फैसलों की वजह से किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि हाल में सरकार की ओर से लिए गए आर्थिक फैसलों से पूरी की पूरी अर्थव्यवस्था के पटरी से उतर जाने का खतरा है।
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