Move to Jagran APP

फिल्म पद्मावती पर छिड़ी जंग में भुला दी गयीं ये दो हिंदू रानियां

फिल्म पद्मावती पर विरोध जारी है। इन सबके बीच हम आप को बताएंगे कि अलाउद्दीन खिलजी को दो हिंदू पत्नियां थीं।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 12:41 PM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 05:18 PM (IST)
फिल्म पद्मावती पर छिड़ी जंग में भुला दी गयीं ये दो हिंदू रानियां
फिल्म पद्मावती पर छिड़ी जंग में भुला दी गयीं ये दो हिंदू रानियां

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]।  पद्मावती पर चल रहे विवाद में अब तक उन दो महिलाओं का जिक्र नहीं हुआ है जो अलाउद्दीन खिलजी की हिंदू पत्नियां थी। 1296 में दिल्ली के सुल्तान बने अलाउद्दीन खिलजी के जीवन के रिकॉर्ड मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि खिलजी की चार पत्नियां थीं जिनमें से एक राजपूत राजा की पूर्व पत्नी और दूसरी यादव राजा की बेटी थीं। 1316 तक दिल्ली के सुल्तान रहे अलाउद्दीन खिलजी ने कई छोटी राजपूत रियासतों पर हमले कर या तो उन्हें सल्तनत में शामिल कर लिया था या अपने अधीन कर लिया था।

loksabha election banner

कमला देवी, गुजरात के राजपूत राजा की पत्नी
खिलजी की सेना ने 1299 में गुजरात पर बड़ा हमला किया था। इस हमले में गुजरात के वाघेला राजपूत राजा कर्ण वाघेला (जिन्हें कर्णदेव और राय कर्ण भी कहा गया है) की बुरी हार हुई थी।  वाघेला राजा कर्ण ने अपने साम्राज्य और संपत्तियों के अलावा अपनी पत्नी को भी गंवा दिया था। तुर्कों की गुजरात विजय से वाघेला राजवंश का अंत हो गया था और गुजरात के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा।

कर्ण की पत्नी कमला देवी से अलाउद्दीन खिलजी ने विवाह कर लिया था। गुजरात के प्रसिद्ध इतिहासकार मकरंद मेहता कहते हैं कि खिलजी के कमला देवी से विवाह करने के साक्ष्य मिलते हैं। पद्मनाभ ने 1455-1456 में कान्हणदे प्रबंध लिखी थी जो ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित थी। इसमें राजपूत राजा कर्ण का जिक्र है। इस किताब में गुजरात पर अलाउद्दीन खिलजी के हमले का विस्तार से वर्णन है। खिलजी की सेना ने गुजरात के बंदरगाहों को लूटा था, इसके साथ ही कई शहरों को बर्बाद कर दिया था। 

पद्मनाभ ने अपनी किताब में उस समय हिंदू या मुसलमान शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने ब्राह्मण, बनिया, मंगोल, पठान आदि जातियों का उल्लेख किया है। अलाउद्दीन खिलजी ने राजपूतों को युद्ध में हरा दिया था और गुजरात के शहरों और मंदिरों को लूटा था। पद्मनाभ की किताब से एक और दिलचस्प बात पता चलती है कि अलाउद्दीन खिलजी के हरम में रह रहीं कमला देवी ने उनसे अपनी बिछड़ी हुई बेटी देवल देवी को लाने का आग्रह किया था।

खिलजी की सेना ने बाद में जब दक्कन में देवगिरी पर मलिक काफूर के नेतृत्व में हमला किया और इस तरह से देवल देवी दिल्ली लौटीं। देवल देवी से बाद में खिलजी के बेटे खिज्र खान का विवाह हुआ था।अमीर खुसरो ने देवल देवी नाम की एक लंबी कविता लिखी है जिसमें देवल और खिज्र खान के प्रेम का विस्तार से वर्णन है। खुसरो की इस मसनवी को आशिका भी कहा गया है।

देवल देवी की कहानी पर ही नंदकिशोर मेहता ने 1866 में कर्ण घेलो नाम का उपन्यास लिखा था जिसमें देवल देवी की कहानी का वर्णन है। इस बेहद चर्चित उपन्यास को गुजरात का पहला उपन्यास भी माना जाता है।

अलाउद्दीन खिलजी की दूसरी पत्नी झत्यपली को जानने और समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि फिल्म पद्मावती को लेकर करणी सेना या दूसरे संगठन फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली पर इतने खफा क्यों हैं। दरअसल करणी सेना को लगता है कि भंसाली ने तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर राजपूत समाज के मान को गिराया है। 

अब आप को हम विस्तार से झत्यपली और अलाउद्दीन खिलजी की हकीकत से रूबरू कराएंगे। 

झत्यपली देवी, राजा रामदेव की बेटी
खिलजी ने कड़ा (इलाहाबाद के पास) का गवर्नर रहते हुए साल 1296 में दक्कन के देवगिरी (अब महाराष्ट्र का दौलताबाद) में यादव राजा रामदेव पर आक्रमण किया था। खिलजी के आक्रमण के समय रामदेव की सेना उनके बेटे के साथ अभियान पर थी इसलिए मुकाबले के लिए उनके पास सेना नहीं थी।रामदेव ने अलाउद्दीन के सामने समर्पण कर दिया। रामदेव से खिलजी को बेतहाशा दौलत और हाथी घोड़े मिले थे।रामदेव ने अपनी बेटी झत्यपलीदेवी का विवाह भी खिलजी के साथ किया था।इसका जिक्र उस दौर के इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी की किताब तारीख-ए- फिरोजशाही में मिलता है। बरनी ने रामदेव से मिले माल और उनकी बेटी से खिलजी के विवाह का जिक्र किया है लेकिन बेटी के नाम का जिक्र नहीं है।

बरनी ने ये भी लिखा है कि मलिक काफूर ने खिलजी की मौत के बाद शिहाबुद्दीन उमर को सुल्तान बनाया जो झत्यपली देवी के ही बेटे थे। बरनी ने लिखा था कि शिहाबुद्दीन उमर मलिक काफूर की कठपुतली थे और शासन वही चला रहे थे। रामदेव खिलजी के अधीन रहे और दक्कन में उनके अभियानों में सहयोग देते रहे। खिलजी की मौत के बाद देवगिरी ने सल्तनत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।

पद्मावती सिर्फ एक नायिका थीं या वास्तव में उनका कोई वजूद था। इसे लेकर इतिहासकारों में एका नहीं है। लेकिन चित्तौड़गढ़ की नायिका पद्मावती और फिल्म की नायिका और विलेन अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों को लेकर बवाल जारी है। 

यह भी पढ़ें: फिल्म पर विवादों के बीच 'पद्मावती' यहां पर कर रही है रिकॉर्डतोड़ कमाई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.