Jagran Exclusive: इजरायली दूतावास कर्मियों के हत्यारे का संबंध न्यूज क्लिक समर्थक और मोदी विरोधी संगठन से
अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या करने वाला इलियास रोड्रिगेज एक अतिवादी वामपंथी अमेरिकी संगठन का सदस्य रह चुका था जिसने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा का विरोध किया था। पार्टी फार सोशलिज्म एंड लिबरेशन नामक संगठन लोगों के निशाने पर आ गया है। रिपब्लिकन सीनेटर जान कार्निन ने पीएसएल और ऐसे ही अन्य सभी वामपंथी संगठनों की फंडिग की जांच करने की मांग की है।

जेएनएन, नई दिल्ली। अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या करने वाला इलियास रोड्रिगेज चीन के एजेंडे को आगे बढ़ाने और साथ ही हमास का समर्थन करने वाले एक ऐसे अतिवादी वामपंथी अमेरिकी संगठन का सदस्य रह चुका था, जिसने एक समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा का विरोध किया था। यह संगठन इजरायल का कट्टर विरोधी है।
रोड्रिगेज का नाम सामने आते ही पार्टी फार सोशलिज्म एंड लिबरेशन (पीएसएल) नामक संगठन लोगों के निशाने पर आ गया। उसने तुरंत सफाई दी कि रोड्रिगेज एक समय उसके साथ अवश्य जुड़ा था, लेकिन फिर साथ छोड़ गया। पीएसएल ने इजरायली कर्मियों की हत्या में अपनी किसी भूमिका से भी इन्कार किया। संदेह है कि रोड्रिगेज इसी संगठन का सक्रिय सदस्य ही था। रिपब्लिकन सीनेटर जान कार्निन ने एटार्नी जनरल पामेला बोंडी और एफबीआइ प्रमुख काश पटेल से मांग की है कि पीएसएल और ऐसे ही अन्य सभी वामपंथी संगठनों की फंडिग कौन कर रहा है, इसकी गहन जांच हो, क्योंकि यह जानना जरूरी है कि कहीं यह घरेलू आतंकवाद तो नहीं।
कार्निन 'सीनेट इंडिया काकस' के सह अध्यक्ष और भारत-अमेरिका मैत्री के प्रबल पक्षधर हैं। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर अपनी पोस्ट के जरिये जिस पीएसएल की फंडिंग की जांच की मांग की है, उसने मोदी की अमेरिका यात्रा का तब विरोध किया था, जब वह जून 2023 में राष्ट्रपति बाइडन से मिलने गए थे। इस संगठन ने 23 जून की अपनी एक्स पोस्ट के जरिये मोदी की अमेरिका यात्रा के विरोध के छह कारण गिनाए थे।
पीएसएल के सदस्यों ने तब भी मोदी सरकार का विरोध किया था, जब अक्टूबर 2023 में चीनी हितों के लिए और भारत के खिलाफ काम करने के आरोप में न्यूज पोर्टल न्यूज क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी की गई थी। इस गिरफ्तारी का आधार न्यूयार्क टाइम्स की यह खोजी रिपोर्ट थी कि चीनी एजेंट नेविल राय सिंघम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पैसे से न्यूज क्लिक जैसे दुनिया भर के संस्थानों को फंडिंग करता है, ताकि वे चीन के प्रोपेगंडा को आगे बढ़ाएं।
इस खबर के बाद भारत में न्यूज क्लिक की जांच हुई और उसके संस्थापक प्रबीर एवं उनके सहयोगी अमित को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद पीएसएल के सदस्यों ने न्यूयार्क टाइम्स के आफिस के बाहर मोदी सरकार और इस अखबार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी और इसका वीडियो एक्स पोस्ट पर जारी किया था।
संदेह है कि नेविल राय सिंघम अतिवादी वामपंथी संगठन पीएसएल को भी फंडिंग करता है। सिंघम श्रीलंकाई मूल का अमेरिकी नागरिक है, लेकिन ज्यादातर चीन में रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रबीर को इस आधार पर जमानत दे दी थी कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करते समय गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया, लेकिन उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस की जांच जारी है। अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है।
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