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    Exclusive: 'हमारा न किसी भाषा से विरोध है, न धर्म से', तमिलनाडु के CM स्टालिन ने जागरण से की खास बातचीत

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 21 Oct 2023 07:38 PM (IST)

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दैनिक जागरण के राजनीतिक संपादक आशुतोष झा से कई विषयों पर बात की और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सीएजी ने सरकार के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है सिर्फ उससे ध्यान भटकाने को विपक्षी दलों पर निशाना साधा जा रहा है। पेश है किसी भी हिंदी मीडिया से स्टालिन की पहली बातचीत का एक अंश

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    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जागरण से बातचीत की। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    आशुतोष झा, नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के अहम घटकदल डीएमके के एक नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन पर टिप्पणी की तो उत्तर भारत की राजनीति गरमा गई। गठबंधन के ही सपा और राजद नेताओं के विवादित बयानों के साथ इसे जोड़ते हुए भाजपा ने तीखा हमला शुरू किया।

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    फिलहाल विवाद थोड़ा शांत हो गया है तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दैनिक जागरण के राजनीतिक संपादक आशुतोष झा से कई विषयों पर बात की और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सीएजी ने सरकार के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है, सिर्फ उससे ध्यान भटकाने को विपक्षी दलों पर निशाना साधा जा रहा है। पेश है किसी भी हिंदी मीडिया से स्टालिन की पहली बातचीत का एक अंश:

    सवाल- तमिलनाडु एक बड़ा और मजबूत राज्य है लेकिन कभी भाषा, कभी धर्म तो कभी कुछ योजनाओं को लेकर केंद्र या उत्तर भारत से संघर्ष क्यों चलता है?

    उत्तर- आपने सही कहा, हम शक्तिशाली राज्य हैं। हमारी सभ्यता अदभुत है जहां समानता में विश्वास किया जाता है। हमने शुरू से “जन्म से सभी एक समान हैं'' के दर्शन को अपनाया है। हमारी भाषा तमिल को भारत की पहली क्लासिकल यानी शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिला। अगर कभी भी तमिल को कमतर करने या हिंदी थोपने की कोशिश की जाएगी तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारा तो यह मानना है कि उत्तर के राज्यों को भी अपनी मातृभाषा का संरक्षण करना चाहिए।

    सवाल- आपकी पार्टी हिंदी के खिलाफ क्यों है?

    उत्तर- ऐसा नहीं है। हम हिंदी या किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं है। डीएमके के संस्थापक अण्णा ने राज्यसभा में 1962 में ही यह स्पष्ट कर दिया था। हम भाषा के थोपने के खिलाफ हैं। और याद रखिए कि यही विचार बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों का भी है। देखिए, भारत विविधताओं का देश है, यहां मातृभाषा हमारी संस्कृति का मूल है।

    आज से लगभग 50 साल पहले अण्णा ने ही तमिलनाडु में तमिल-अंग्रेजी द्विभाषा की नीति को बना दिया था। आज हम एजुकेशन डेवलपमेंट इंडैक्स में आगे खड़े हैं तो वह इसलिए संभव है कि यहां किसी तीसरी भाषा का बोझ नहीं है। नई शिक्षा नीति में जो लक्ष्य तय किया गया है हम उससे भी आगे निकल चुके हैं। हम एक नई शिक्षा नीति बना रहे हैं जो तमिलनाडु के संदर्भ मे अदभुत होगा।

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    सवाल- हाल में आपके पुत्र उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया। इसे रोग करार दे दिया। उसके बाद उत्तर में काफी विवाद हुआ है। आप क्या कहेंगे?

    उत्तर- विवाद तो अफवाह के कारण हुआ। उसने कहा कि जाति की असमानताओं को खत्म करना चाहिए और भाजपा के आईटी सेल ने इसे हिंदुत्व को खत्म करने की बात की तरह फैलाया। इसी तरह उदयनिधि ने जीनोसाइड (नरसंहार) शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। सच्चाई यह है कि चुनाव नजदीक है, भाजपा के पास अपनी ठोस उपलब्धियां गिनाने को नहीं है, भ्रष्टाचार हो रहे हैं।

    सीएजी के अनुसार भाजपा ने 7.5 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार किए हैं। इसका भाजपा के पास जवाब नहीं है तो सीएजी के अधिकारियों को हटा दिया गया। इन मुद्दों से ध्यान भटकाने को उदयनिधि के भाषण को विवादित बनाकर पेश कर दिया।

    सवाल- लेकिन आम धारणा यह है कि आपके पुत्र ने एक बयान दिया और आप कुछ नहीं कह रहे हैं क्योंकि इससे राजनीति सधती है?

    उत्तर- हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। सत्ता में आए हुए अभी 894 दिन हुए हैं और हमने 1000 मंदिरों का नवीनीकरण किया। ढाई साल के अंदर मंदिरों की संपत्ति पर कब्जा करने वालों से 5000 करोड़ की संपत्ति मुक्त कराई। हिंदू मंदिरों का पुनरुत्थान कराया। हर जाति के पुरोहितों की नियुक्ति की गई है। भक्तों के लिए सुविधाओं का विकास किया। संबंधित मंदिरों के अनुसार जुलूस और यात्रा निकाली जाती है। तमिलनाडु के लोग हमारी भावनाओं को समझते हैं और उससे सहमत हैं।

    सवाल- लेकिन पूरी बात सामने नहीं आई। आपकी पार्टी आईएनडीआईए समूह की घटकदल है। और कांग्रेस समेत दूसरे दलों की ओर से अपील की गई थी कि ऐसे मुद्दों से बचें?

    उत्तर- डीएमके अपने दोस्तों की भावनाओं और विचारों का सम्मान करता है। उन्हें भी स्पष्टीकरण दिया गया और उनके आग्रहों का सम्मान है। कुछ लोग इस मुद्दे के जरिए राजनीति करना चाहते हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे।

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    सवाल- उत्तर भारत में भी कुछ क्षेत्रीय दलों के नेताओं की ओर से हंदुत्व की आलोचना की गई है। क्या आपको लगता है कि आगामी चुनाव को अगड़े और पिछड़ों की लड़ाई के रूप में पेश करने की तैयारी हो रही है?

    उत्तर- डीएमके किसी भी एक समुदाय को लड़ाने की राजनीति में विश्वास नही करता है। लेकिन मैं बताऊं कि वी पी सिंह सरकार ने नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 27 फीसद ओबीसी आरक्षण की मंजूरी दी थी। हमारी पार्टी डीएमके भी उस सरकार का हिस्सा थी। उसके बाद उत्तर के कई दलों और नेताओं ने एक अभियान चलाया। अब जाति जनगणना पर भी चर्चा छिड़ी है। 2024 लोकसभा चुनाव में आईएनडीआईए वंचितों को हक देने के नारे के साथ जाएगा। सभी राज्यों के साथ भी एक समान व्यवहार होना चाहिए।

    सवाल- फ्रीबीज (चुनावी रेवड़ी) के बारे में आपकी क्या राय है? सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके खिलाफ विचार व्यक्त किए हैं।

    उत्तर- इसे फ्रीबीज कहना अनुचित होगा। तमिलनाडु में हर योजना समाज कल्याण और समय की मांग से जुड़ी है। मुफ्त बिजली ने किसानों को बचाया, छात्रों का मुफ्त बस सेवा मिली तो उनके लिए शिक्षा प्राप्त करना थोड़ा आसान हो गया। उनके लिए उच्च शिक्षा का रास्ता खुला। कलर टीवी, गैस स्टोव आदि ने महिलाओं के जीवन में बदलाव लाया। इसे फ्रीबीज कहना ठीक नहीं है। ऐसी कई योजना तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी चला रहे हैं।

    सवाल- आपने स्कूलों में नाश्ते की भी योजना शुरू कर दी है?

    उत्तर- मैं ने खुद देखा है कि कई बच्चे भूखे पेट स्कूल आते हैं। अगर पेट खाली हो तो बच्चा पढ़ेगा कैसे। बीमारी उसे घेर लेगी। हमारा भविष्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो इसीलिए यह योजना शुरू की गई है। अब तो दूसरे राज्य भी अनुसरण कर रहे हैं।

    सवाल- 2024 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के सामने आप विपक्षी गठबंधन में किसे सबसे सशक्त दावेदार मानते हैं?

    उत्तर- किसी दावेदारी का सवाल नहीं होना चाहिए। आईएनडीआईए भारत को बचाएगा। भाजपा तो आईएनडीआईए का नाम सुनते ही कांपती है। यह गठबंधन केवल नेताओं और दलों का समूह नहीं है, इसमें भारत के लोग जुड़े हुए हैं। और जनता भाजपा की गैर लोकतांत्रिक और सांप्रदायिक राजनीति को ध्वस्त करने में सशक्त है। लोगों के मन में कोई शंका नहीं है कि किसे आना चाहिए और किसे जाना चाहिए।

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