राजस्थान से राज्यसभा के सभापति तक... कैसा रहा VP धनखड़ का सफर; कौन होगा अगला उप राष्ट्रपति? चुनाव प्रक्रिया समेत पूरी डिटेल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे इस्तीफे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के सदस्यों को धन्यवाद दिया। धनखड़ ने 2022 में 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था।

जेएनएन, नई दिल्ली। Jagdeep Dhankhar Resign: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। मानसूत्र के पहले ही दिन उन्होंने पद त्याग कर सबको चौंका दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मंत्रिपरिषद के सदस्यों को धन्यवाद भी दिया है।
वे बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। जगदीप धनखड़ ने 2022 में 14वें उप राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 6 अगस्त 2022 को हुए उप राष्ट्रपति के चुनाव में धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को माक्ष 182 वोट मिले थे।
इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा, मैं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डाक्टरों की सलाह का पालन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(क) के अनुसार है। मैं भारत की माननीय राष्ट्रपति को हार्दिक धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुझे लगातार सहयोग प्रदान किया।
प्रधानमंत्री के प्रति जताया आभार
उन्होंने आगे कहा कि मैं माननीय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का भी आभार प्रकट करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग मेरे लिए बेहद मूल्यवान रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है।
धनखड़ ने कहा, मुझे माननीय सांसदों से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला, वह मेरे लिए सदा अमूल्य रहेगा और मेरी स्मृति में अंकित रहेगा। मैं इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अमूल्य अनुभवों और ज्ञान के लिए अत्यंत आभारी हूं।'
जानिए जगदीप धनखड़ का जीवन परिचय
- राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले धनखड़ 18 मई 1951 को एक साधारण किसान परिवार में पैदा हुए। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव में हुई।
- फिर उनका एडमिशन सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में करवाया गया। धनखड़ का एनडीए में चयन हो गया था, लेकिन वो गए नहीं।
- उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद एलएलबी की पढ़ाई की। जयपुर में ही रहकर वकालत शुरू की थी।
- 70 साल के धनखड़ को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया था।
- वे 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू से लोकसभा सांसद रहे। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।
उपराष्ट्रपति पद के लिए क्या है चुनाव की प्रक्रिया?
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उप राष्ट्रपति का पद खाली हो गया है। इस पद को भरने के लिए फिर से चुनावी प्रक्रिया को पूरा करना होगा। जिसके बाद देश को नया उपराष्ट्रपति मिलेगा। भारत में उपराष्ट्रपति को भी उच्च सदन का सभापति भी कहा जाता है आइए आपको बताते हैं कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव
- उपराष्ट्रपति के चुनाव के दौरान केवल लोकसभा और राज्य सभा के सांसदों को वोट करने का अधिकार।
- इस चुनाव में राज्यसभा के मनोनित सदस्यों को भी वोट करने का अधिकार होता है।
उप राष्ट्रपति के लिए क्या है योग्यता
- भारत का नागरिक होना अनिवार्य।
- कम से कम 35 साल की उम्र को पूरा कर लिया हो।
- जो भी उम्मीदवार उपराष्ट्रपति पद के लिए खड़ा होता है उसे ₹15 हजार की जमानत राशि जमा करनी होती है।
- वहीं, अगर चुनाव के दौरान 1/6 वोट नहीं मिलते हैं तो जमानत राशि जब्त हो जाती है। (इनपुट पीटीआई के साथ)
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